ब्रिटिश संसद पर निबन्ध लिखिये।

ब्रिटिश संसद द्विसदनीय विधायिका है। इसके दो सदन हैं- (1) लार्ड सभा और (2) कॉमन सभा । लार्ड सभा इसका उच्च दल है जो स्थायी होता है। इसकी सदस्यता का बहुत बड़ा भाग पैतृक आधार पर बना होता है जो ब्रिटेन के धनिक और उच्च वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। यह रूढ़िवादी सदन है। कॉमन सभा ब्रिटिश संसद का निचला सदन है जिसके सदस्य जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं।

लाई सभा

लार्ड सभा की संरचना

लॉर्ड सभा विश्व का सबसे प्राचीन और सबसे बड़ा विधायी निकाय है। यह कॉमन सभा की अपेक्षा अधिक पुरातन और विशाल है। लगभग एक शताब्दी पूर्व तक लार्ड सभा का महत्व कॉमन सभा से अधिक था किन्तु आज लार्ड सभा ब्रिटिश संसद का द्विती सदन ही नहीं बल्कि महत्व की दृष्टि से भी यह दूसरे नम्बर पर है। प्रतिष्ठा, प्रभाव और शक्ति में कॉमन सभा इससे बेहतर है। वास्तव में लार्ड सभा एक ऐतिहासिक संस्था है। नार्मन एंजिवेन काल की महान् परिषद् से लार्ड सभा का प्रादुर्भाव हुआ। उस काल में सम्राट बड़े-बड़े भूमिपतियों से परामर्श लिया करते थे। अपने पीछे लगभग एक हजार वर्ष का गौरवमय किन्तु धीरे-धीरे क्षीण होता हुआ इतिहास लिये चली आ रही यह संस्था आज भी कुलीनतन्त्रात्मक है। इसकी सदस्यता वंश और धार्मिक पदों के आधार पर अवलम्बित है। इसीलिये तो लार्ड सभा को ‘बेमेल राजनीतिक संस्था’ कहा जाता है। श्रमदल तो बहुत समय से इसका अन्त करने के पक्ष में रहा। यदि ब्रिटेन में नवीन सांविधानिक पद्धति का निर्माण किया जाये तो वर्तमान लार्ड सभा का सम्भवतः उसमें कोई स्थान नहीं होगा।

कार्यप्रणाली

लार्ड सभा की गणपूर्ति 30 है अर्थात् सभा की कार्यवाही होने के लिये आवश्यक है कि कम से कम 30 सदस्य उपस्थित हों। एक हजार सदस्यों में से प्रायः 70 80 के लगभग सदस्य ही इसकी बैठकों में भाग लेते हैं। सप्ताह में केवल चार दिन सोमवार से गुरुवार तक इसकी बैठकें होती हैं वह भी केवल दो घण्टों के लिये। लार्ड सभा में उपस्थिति कम रहने से, इसके कुछ सदस्य अत्यन्त योग्य होने से तथा भाषण की स्वतन्त्रता अधिक होने से वाद विवाद का स्तर प्रायः ऊंचा रहता हैं।

लाई सभा के पदाधिकारी

लाई सभा का सबसे प्रमुख व्यक्ति लाई चांसलर होता है। वही लाई सभा का अध्यक्ष भी होता है उसकी नियुक्ति प्रधानमन्त्री के परामर्श पर सम्राट द्वारा होती है। वह मन्त्रिमण्डल का सदस्य भी होता है। यद्यपि उसके कार्य वही है जो कि कॉमन सभा के स्पीकर के हैं, फिर भी स्पीकर की तुलना में उसकी शक्तियाँ कुछ कम है।

लार्ड चांसलर के अतिरिक्त उपाध्यक्षों की नियुक्ति भी की जाती है, जो लार्ड चांसलर की अनुपस्थिति में सभा की अध्यक्षता करते हैं। इनके अतिरिक्त सदन का एक अन्य प्रमुख सदस्य लार्ड चेयरमैन ऑफ दी कमेटी होता है वही सम्पूर्ण सदन की समिति का भी अध्यक्ष होता है। सदन के अन्य स्थायी कर्मचारी है- लिपिक, सारजेट एट आर्म्स तथा जेण्टलमैन अशर ऑफ द ब्लैकरॉड।

लार्ड सभा की शक्तियाँ व कार्य

किसी जमाने में लार्ड सभा का अत्यन्त शक्तिशाली सदन था। उसकी शक्तियाँ कॉमन सभा से भी ज्यादा थीं, परन्तु अब युग यह नहीं रहा। लार्ड सभा की शक्तियाँ और कार्य अब अत्यन्त सीमित हो गये हैं। लार्ड सभा निम्नलिखित कार्य करती है

1. विधि निर्माण सम्बन्धी कार्य विधि

निर्माण के क्षेत्र में 1911 के पूर्व कॉमन सभा और लार्ड सभा की शक्तियाँ लगभग समान थी। पहली बार 1832 में लार्ड सभा ने कॉमन सभा द्वारा पारित कानून अस्वीकार कर दिया था। कॉमन सभा ने उसे तीन बार पारित किया। तीसरी बार पारित होने पर लार्ड सभा के विरोध के बावजूद 1832 का सुधार अधिनियम बन जाने पर यह प्रकट हो गया कि कॉमन सभा और लार्ड सभा में एक संघर्ष प्रारम्भ हो गया है, जिसमें अनतत: लार्ड सभा की पराजय होगी। 1832 के बाद अनेक सुधार अधिनियम लार्ड के विरोध के बावजूद पारित हो गये परन्तु लार्ड सभा शक्ति परीक्षण पर तुली हुई थी इसलिये 1900 में उसने लॉयड जार्ज मन्त्रिमण्डल का बजट अस्वीकार कर दिया। इससे कॉमन सभा ने क्षुब्ध होकर 1911 का अधिनियम विधेयक पारित कर दिया और उससे वित्तीय शक्तियाँ छीन ली गई। 1911 के पश्चात् लार्ड समा किसी वित्त विधेयक पर एक माह तक विचार-विमर्श कर सकती है। उसे उस विधेयक को अस्वीकार कर संशोधन करने का अधिकार नहीं है। कोई विधेयक वित्त विधेयक है अथवा नहीं, यह निर्णय करना कॉमन सभा के अध्यक्ष का अधिकार है। वित्त विधेयक केवल कॉमन सभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है।

2. कार्यपालिका सम्बन्धी कार्य

कार्यपालिका के क्षेत्र में लाई सभा की शक्तियाँ, विशेष रूप से कॉमन सभा की तुलना में बहुत ही कम है। अब यह आवश्यक हो गया कि प्रधानमन्त्री केवल कॉमन सभा से ही हो। इसके अतिरिक्त लार्ड सभा को मन्त्रिमण्डल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास करने का भी अधिकार नहीं है। फिर भी मन्त्रिमण्डल के कुछ सदस्य लार्ड सभा में से ही लिये जाते हैं और वे सदस्य प्रशासनिक कार्य भी करते हैं।

3. न्याय सम्बन्धी कार्य

लार्ड सभा का अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य न्याय सम्बन्धी है। यह लार्ड सभा का विशेषाधिकार है जो संसार की किसी भी व्यवस्थापिका के पहले अथवा दूसरे सदन को प्राप्त नहीं है। लार्ड सभा ब्रिटेन का सर्वोच्च न्यायालय और अन्तिम अपील न्यायालय हैं। परन्तु न्याय के कार्य का सम्पादन कार्य लाई सभा के सभी सदस्य नहीं, बल्कि केवल लार्ड चान्सलर तथा कानूनी लार्ड ही करते हैं।

कॉमन सभा

कॉमन सभा की रचना

कॉमन सभा की सदस्य संख्या समय-समय पर बदलती रही है। वर्तमान समय में इसके सदस्यों की संख्या 650 है। कॉमन सभा एक पूर्णरूपेण निर्वाचित सदन है। इसका प्रत्येक सदस्य एक सदस्यीय प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के वयस्क मताधिकार पर चुना जाता है। एक सदस्य लगभग 75 हजार मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है। 1970 से ब्रिटेन में वयस्क मतदाता की न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकार 18 वर्ष कर दी गयी। कॉमन सभा में ब्रिटेन, वेल्स, स्कॉटलैण्ड तथा उत्तरी आयरलैण्ड के प्रतिनिधि होते हैं। सदस्यों का निर्वाचन पाँच वर्ष के लिये होता है तथा उसकी सदस्यता संसद के कार्यकाल के साथ चलती है जिससे वृद्धि की जा सकती है।

कॉमन सभा की शक्तियाँ और कार्य-

प्रधानमन्त्री विंस्टन चर्चिल के शब्दों में “कॉमन सभा ब्रिटिश स्वतन्त्रता का दुर्ग है, यह हमारी कानूनों की आधारशिला हैं। इसकी परम्पराएँ और उसके विशेषाधिकार आज भी उतने ही सजीव हैं जितने कि उस समय थे, जब इसने क्राउन की निरंकुशता को भंग किया था। मैं नहीं जानता कॉमन सभा के अतिरिक्त यह देश और किस तरह शासित हो सकता है। उनके यह उद्गार पूर्णतया सत्य थे। कॉमन सभा के कार्यों और शक्तियों से यह स्वतः स्पष्ट हो जाता है कि यह सभा संसार की सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक शक्तिशाली सभा हैं।

(1) विधि निर्माण सम्बन्धी कार्य

विधि निर्माण के क्षेत्र में ब्रिटिश कॉमन समा की शक्तियाँ असीम है। ब्रिटेन के किसी भी विषय पर कॉमन सभा द्वारा लार्ड सभा की सहमति पर कानून बनाया जा सकता है। सैद्धान्तिक रूप से एक विधेयक को कानून बनने के लिये कॉमन सभा की लार्ड सभा की और सम्राट की स्वीकृति आवश्यक है। इनमें सम्राट की स्वीकृति तो केवल नाममात्र की है और जहाँ तक लार्ड सभा का प्रश्न है, वह किसी सामान्य विधेयक को ज्यादा से ज्यादा एक वर्ष के लिये रोक सकती है। दूसरे शब्दों में कॉमन सभा द्वारा पारित कोई विधेयक अन्ततः कानून बन ही जाता है।

(2) कार्यपालिका सम्बन्धी कार्य

कार्यपालिका सम्बन्धी शक्तियों का वास ब्रिटेन में मन्त्रिमण्डल में है, फिर भी उस पर नियन्त्रण करना कॉमन सभा का कार्य है मन्त्रिमण्डल कॉमन सभा के प्रति उत्तरदायी होता है। यदि कॉमन सभा में मन्त्रिमण्डल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाये तो सम्पूर्ण मन्त्रिमण्डल को त्यागपत्र देना पड़ता है। इस शक्ति के माध्यम से कॉमन सभा मन्त्रिमण्डल तथा उसके सभी सदस्यों पर पूर्ण नियन्त्रण रखती है। कारटर ने कहा है- “ कॉमन सभा का मुख्य कार्य मन्त्रिमण्डल को बनाना, उसकी सहायता करना तथा उसे उठाकर फेंक देना है।

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(3) वित्तीय कार्य

कॉमन सभा का अस्तित्व ही वित्तीय शक्तियों के लिये उसकी लड़ाई का परिणाम है। आज शासन के सम्पूर्ण आर्थिक स्रोतों पर कॉमन सभा का नियन्त्रण रहता है। समस्त वित्त विधेयक कॉमन सभा में ही पेश किये जाते हैं और उनके लिये उसी की स्वीकृति को पर्याप्त माना जाता है। लार्ड सभा तो केवल उसमें एक माह का विलम्ब कर सकती है। प्रतिवर्ष वित्तमन्त्री आय-व्यय का बजट कॉमन सभा में प्रस्तुत करता है। इस बजट पर एक एक विभाग के अनुसार बहस होती है। कॉमन सभा द्वारा पास होने पर ही बजट क्रियान्वित किया जाता है। कॉमन सभा के सदस्य बजट के किसी प्रस्ताव पर व्यय में कटौती की माँग कर सकते। हैं, वृद्धि की नहीं। सदन की एक विशिष्ट अनुमान समिति बजट की बारीकी से जाँच करती है। और बचत के सुझाव देती है। इसके अतिरिक्त कॉमन सभा प्रधान नियन्त्रक और लेखा परीक्षक के माध्यम से भी आय व्यय पर नियन्त्रण रखती है। यह अधिकारी शासकीय आय-व्यय का लेखा परीक्षा करता है और उसके आधार पर कॉमन सभा को अपनी रिपोर्ट देता है।

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