Political Science

‘ग्रीन का स्वतंत्रता सम्बन्धी सिद्धान्त’ की विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।

ग्रीन का स्वतंत्रता सम्बन्धी सिद्धान्त – ग्रीन ने अपने सम्पूर्ण व्यावहारिक दर्शन को ‘स्वतंत्र नैतिक इच्छा’ पर आधारित किया है। उसने स्वतंत्रता को महानतम् वरदान माना है जिसकी प्राप्ति एवं अनुभूति ही नागरिकों के सम्पूर्ण प्रयत्नों का अन्तिम ध्येय होना चाहिये। ग्रीन के अनुसार मानव का चरम लक्ष्य परमात्मा में आत्म-दर्शन करना है। जब मनुष्य …

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चीन के संविधान के राजनैतिक एवं संवैधानिक इतिहास पर प्रकाश डालिये।

चीन के संविधान के राजनैतिक एवं संवैधानिक इतिहास – चीन में साम्यवादी क्रान्ति की सफल सम्पन्नता के फलस्वरूप 1 अक्टूबर 1949 के दिन देश को जनवादी गणराज्य घोषित किया गया। कुछ समय तक मार्क्स और लेनिन के सिद्धान्तों को निष्ठापूर्वक पालन करने के पश्चात् चीन ने उदारीकरण की प्रक्रिया अपनाई। आज यद्यपि चीन में साम्यवादी …

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मार्क्स की वर्ग की अवधारणा क्या है

मार्क्स की वर्ग की अवधारणा – वर्ग शब्द का आशय आर्थिक वर्ग से है। मार्क्स के अनुसार, “समाज में आर्थिक क्रिया में संलग्न उन लोगों का समूह, जो कि एक से कार्य सम्पन्न करते हैं, जिनका दूसरे लोगों के साथ एक-सा सम्बन्ध होता है तथा जिनके हित एक समान होते हैं, एक वर्ग कहलाता है।” …

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फ्रांसीसी सीनेट पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

फ्रांसीसी सीनेट – फ्रांस की संसद के ऊपरी सदन को सीनेट कहते हैं। परन्तु यह अमेरिकी सीनेट भांति बिल्कुल नहीं है। यह तो ब्रिटेन के लार्ड सदन से भी कम शक्तिशाली है। इसकी सदस्य संख्या का निर्धारण कानून के द्वारा होता है। इसकी सदस्य संख्या 230 है। इसके सदस्यों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रूप से होता …

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आंगिक कानून के प्रावधान पर टिप्पणी लिखिए।

आंगिक कानून के प्रावधान – फ्रांस के संविधान में आगिक कानून का प्रावधान भी किया गया है। संविधान में अनेक ऐसे प्रावधान हैं जो रूपरेखा के रूप में पाए जाते हैं, और जिनमें विस्तृत व्यवस्था करने का कार्य संसद को सौंप दिया गया है। जिन कानूनों के द्वारा संविधान की व्यवस्थाओं की पूर्ति की जाती …

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अतिरिक्त मूल्य के सिद्धान्त पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।

अतिरिक्त मूल्य के सिद्धान्त – पूँजीपतियों द्वारा श्रमिकों के शोषण करने की विधि को मार्क्स ने अतिरिक्त मूल्य के सिद्धान्त के आधार पर समझाया है। आपने पूँजीवादी शोषण की ठठरी को सामने लाकर खड़ा कर दिया और यह बताया कि अतिरिक्त मूल्य वास्तव में कहाँ उत्पन्न होता है। मार्क्स के अनुसार अतिरिक्त मूल्य वहीं पैदा …

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राष्ट्रीय सभा का कार्यकाल एवं सत्र पर टिप्पणी लिखिए।

राष्ट्रीय सभा का कार्यकाल – राष्ट्रीय सभा का सामान्य कार्यकाल पाँच वर्ष है। परन्तु इस अवधि से पूर्व भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों से परामर्श करके इसे भंग कर सकते हैं। राष्ट्रपति परामर्श करने के लिए बाध्य है, परन्तु उसे मानने के लिए नहीं। एक बार सदन को भंग करने के …

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फ्रांस के दोनों सदनों के सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।

फ्रांस के दोनों सदनों के सम्बन्ध – फ्रांस में संसद के दोनों सदनों के कार्यों और अधिकारों में सदैव परिवर्तन होता रहता है, विशेषकर द्वितीय सदन के सम्बन्ध में जहाँ तृतीय गणतंत्र में दोनों सदनों के अधिकार लगभग समान थे, वहाँ चतुर्थ गणतंत्र में द्वितीय सदन के कार्यों और अधिकारों में आमूल परिवर्तन किये गये …

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फ्रेंच न्यायपालिका के संगठन का वर्णन कीजिए।

फ्रेंच न्यायपालिका के संगठन – फ्रांस में न्यायालयों का संगठन एकीकृत (Integrated) न होकर संगठनात्मक है। न्यायिक अधिकार किसी एक संस्था में केन्द्रित नहीं है, अपितु पाँच प्रकार के पृथक्-पृथक् न्यायालयों में केन्द्रित है, जो निम्नलिखित है- सामान्य न्यायालय इस न्यायालय में केवल गैर-सरकारी व्यक्तियों से सम्बन्धित मुकदमों की सुनवाई होती है। इस प्रकार के …

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मार्क्स का वर्ग विहीन समाज की अवधारणा को संक्षेप में बताइये।

मार्क्स का वर्ग विहीन समाज – कार्ल मार्क्स के सभी लेखों और सिद्धान्तों में केवल एक ही संकेत मिलता है कि वह पूँजीवादी व्यवस्था के कट्टर विरोधी थे क्योंकि उस समय पूँजीपति वर्ग श्रमिक एवं सर्वहारा वर्गों का पूर्ण रूप से शोषण करते थे। मार्क्स की यह आस्था थी कि सर्वहारा वर्ग इस शोषण के …

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