अग्निकुण्ड का सिद्धान्त
अग्निकुण्ड का सिद्धान्त राजपूतों की उत्पत्ति से सम्बद्ध दूसरी सर्वाधिक चर्चित मान्यता यह है कि राजपूतों का जन्म यज्ञकुण्ड से हुआ है। चन्दबरदाई ने पृथ्वीराजरासो में राजपूतों न की उत्पत्ति से सम्बद्ध एक कथा का उल्लेख किया है। इसके अनुसार, परशुराम द्वारा क्षत्रियों के संहार 5. के पश्चात् चारों तरफ अव्यवस्था व्याप्त हो गयी। तब धर्म की सुरक्षा के लिए ब्रह्मा की आशा से आबू पर्वत पर विश्वामित्र गौतम, अगस्त्य आदि ऋषि-मुनियों ने यज्ञ आरम्भ किया। दैत्यों ने इस यज्ञ को भंग करने का प्रयास किया। दैत्यों से मश की सुरक्षा के लिए वशिष्ठ मुनि ने अग्निकुण्ड से चार योद्धाओं प्रतिहार, चौलुक्य, परमार और चाहमान को उत्पन्न किया। परन्तु इसकी ऐतिहासिकता पूर्णतः संदिग्ध है।