भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के उद्देश्य।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली ने 20 फरवरी, 1947 ई. की घोषणा को क्रियान्वित करने के लिये लाई मान्टबेटन को वायसराय पद […]
ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली ने 20 फरवरी, 1947 ई. की घोषणा को क्रियान्वित करने के लिये लाई मान्टबेटन को वायसराय पद […]
खिलाफत के प्रश्न पर 1920 ई0 में कांग्रेस के एक विशेष अधिवेशन में गाँधी ने बहिष्कार और असहयोग की नीति
खिलाफत के प्रश्न पर 1920 ई0 में कांग्रेस के एक विशेष अधिवेशन में गाँधी ने बहिष्कार और असहयोग की नीति
8 अगस्त 1942 को गाँधीजी के ग्वालियर टैंक (मुम्बई) में दिये गये भाषण के साथ ही भारत छोड़ो आंदोलन शुरू
भारत छोड़ो आन्दोलन अपने प्रमुख उद्देश्य, अंग्रेजों को भारत से निष्कासित करने में, असफल रहा। इसकी असफलता का प्रमुख कारण
इस अधिनियम द्वारा जहाँ भारत को स्वतन्त्रता प्राप्त हुई वहाँ भारत का विभाजन भी हुआ। इससे भारतीय उपमहाद्वीप की राष्ट्रीय
3 जून, 1947 को मांउटबेटन योजना प्रकाशित हुई। इस योजना की धाराएं निम्न थीं- भारत का विभाजन भारतीय संघ और
हमारी भारत भूमि पर सदा ही श्रेष्ठ महापुरुषों एवं महान स्त्रियों ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने गौरवपूर्ण व महान्
प्रस्तावना- शैशवकाल से ही जिसके कोमल मन में विद्रोह की ज्वाला प्रज्वलित हो उठी थी, किशोरावस्था में ही जिसका उर्वर
प्रस्तावना- समाज के नियम कानून सभी कुछ परिवर्तनशील होता है। इन परिवर्तनों में कुछ परिवर्तन ऐसे भी होते हैं, जो