यूनेस्को (UNESCO) पर एक लेख लिखिए।

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यूनेस्को (UNESCO)

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization) लघु रूप है।

यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन 16 नवम्बर, 1945 को हुआ था। इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बने।

परिचयः

यूनेस्को के 193 सदस्य देश हैं और 11 सहयोग देश और दो पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं। इसके कुछ सदस्य स्वतंत्र देश भी नहीं हैं। इसका मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) में है। इसके ज्यादातर क्षेत्रीय कार्यालय कलस्टर के रूप में हैं, जिसके अन्तर्गत तीन-चार देश आते हैं,, इसके अलावा इसके राष्ट्रीय और क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं। यूनेस्को के 27 कलस्टर कार्यालय और 21 राष्ट्रीय कार्यालय है।

यूनेस्को मुख्यतः शिक्षा, प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक एवं मानव विज्ञान, संस्कृति एवं सूचना व संचार के जरिये अपनी गतिविधियाँ संचालित करता है। वह साक्षरता बढ़ाने वाले कार्यक्रमों को प्रायोजित करता है और वैश्विक धरोहर की इमारतों और पार्कों के संरक्षण में भी सहयोग करता है। यूनेस्को की विरासत सूची में हमारे देश के कई ऐतिहासिक इमारत व पार्क शामिल हैं। दुनियाभर के 332 अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठनों के साथ यूनेस्कों के सम्बन्ध हैं। फिलहाल यूनेस्कों के महानिर्देशक “आंद्रे एंजोले” हैं। भारत 1946 ये यूनेस्को का सदस्य देश है।

यूनेस्को की विशेषताएँ

  1. यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र ऐसी एजेन्सी है जिसे शिक्षा के सभी पहलुओं को शामिल करने का अधिकार प्राप्त है।
  2. यूनेस्को को सतत् विकास लक्ष्य-4 के माध्यम से “वैश्विक शिक्षा एजेंडा 2030” का नेतृत्व सोपा गया है।
  3. एजुकेशन 2030 फ्रेमवर्ग फॉर एक्शन” (Education 2030 Framework for Action) (इंचियोन घोषणा) (Incheon Declaration) वैश्विक शिक्षा एजेंडा 2030 को प्राप्त करने के लिये एक रोडमैप है। इसके कार्यों में शुरुआती शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा और उससे आगे तक शैक्षिक विकास शामिल हैं।

इसके विषयों में वैश्विक नागरिकता एवं सतत् विकास, मानवाधिकार और लैंगिक समानता, स्वास्थ्य तथा एचआईवी और एड्स के साथ ही तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल विकास शामिल हैं।

उद्देश्य

यूनेस्को के निम्नलिखित उद्देश्य हैं

  1. सभी के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उन्हें उम्र भर सीखने हेतु प्रेरित करना
  2. सतत् विकास के लिये नीति एवं विज्ञान सम्बन्धी ज्ञान का उपयोग करना।
  3. उभरती सामाजिक और नैतिक चुनौतियों को सम्बोधित करना ।
  4. सांस्कृतिक विविधता, परस्पर संवाद एवं शांति की प्रवृत्ति की प्रोत्साहित करना।
  5. संचार एवं सूचना के माध्यम से समावेशी ज्ञान से युक्त समाज का निर्माण करना।
  6. विश्व के प्राथमिकता वाले क्षेत्र जैसे अफ्रीका एवं लैंगिक समानता पर ध्यान केन्द्रित करना।

यूनेस्कों के कुछ महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम

यूनेस्को विश्व विरासत सम्मेलन और सूची –

विश्व विरासत अभिसमय 1972 सांस्कृतिक सम्पदा एवं प्रकृति के संरक्षण की अवधारणा को एक साथ जोड़ता है।

यह अभिसमय में शामिल सदस्यों को सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक विरासतों के संरक्षण को अपने क्षेत्रीय योजना कार्यक्रमों में शामिल करने उन स्थलों पर कर्मचारियों की नियुक्ति तथा संरक्षण हेतु वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।

यह बताता है कि विश्व विरासत कोष का उपयोग एवं प्रबंधन किस प्रकार किया जाना है। विश्व के 167 देशों में विश्व विरासत स्थलों की संख्या 1121 है। भारत में अब तक 38 विश्व विरासत स्थल हैं जिनमें 30 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक एवं मिश्रित स्थल हैं।

मानव व जीवमण्डल कार्यक्रम

यह एक अंतर-सरकारी वैज्ञानिक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य लोगों और उनके वातावरण के मध्य मजबूत सम्बन्धों के लिये एक वैज्ञानिक आधार स्थापित करना है। यह आर्थिक विकास के लिये नवाचारी दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है जो सामाजिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से उचित तथा पर्यावरणीय रूप से धारणीय है। वर्तमान में 124 देशों में बायोस्फीयर रिजर्व के वैश्विक नेटवर्क स्थलों की संख्या 701 है

जिनमें 21 सीमापारीय स्थल शामिल हैं। भारत के 18 बायोस्फीयर रिजर्व हैं जिनमें से 11 बायोस्फीयर रिजर्व को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव व जैवमण्डल कार्यक्रम के तहत चिन्हित किया गया है। जिनमें से कुछ निम्न हैं

1.इण्टरनेशनल जियोसाइंस एण्ड वर्ल्ड जियोपार्क प्रोग्राम

इण्टरनेशनल जियोसाइंस प्रोग्राम पृथ्वी के भविष्य को दिशा देने हेतु जियोसाइंटिस्ट के वैश्विक नेटवर्क की बौद्धिक क्षमता का उपयोग करता है जिसके तहत जलवायु परिवर्तन के समय अनुकूलनशीलता एवं प्राकृतिक जोखिम लचीलापन, उत्तरदायी संसाधनों के निष्कासन तथा तत्परता पर ध्यान केन्द्रित करना भी शामिल है।

यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क सतत् विकास हेतु प्रयोगशालाएँ हैं जो पृथ्वी की धरोहर की पहचान, प्रबन्धन तथा स्थानीय समुदायों की स्थिरता को प्रोत्साहित करता है।

अप्रैल 2019 तक 41 सदस्य देशों में 147 यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क हैं जिसमें कुल 28,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल है।

2. अन्तर्राष्ट्रीय हाइड्रोलॉजिकल कार्यक्रम अन्तर-

सरकारी हाइड्रोलॉजिकल कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का एकमात्र ऐसा अन्तर-सरकारी कार्यक्रम है जो जल अनुसंधान और प्रबंधन तथा उससे संबंधित शिक्षा एवं क्षमता विकसित करने के लिये समर्पित है।

3. वैश्विक जल आकलन कार्यक्रम-

वैश्विक स्तर पर बढ़ती जल संकट की समस्या विकासशील देशों की सुरक्षा, स्थिरता, पर्यावरणीय धारणीयता के लिये खतरा है। “यह कार्यक्रम विश्व में ताजे जल की स्थिति के आकलन पर केन्द्रित है। यह विश्व जल विकास रिपोर्ट के भागीदारों एवं संयुक्त राष्ट्र जल के 31 सदस्यों के कार्यों के साथ समन्वय भी करता है।

4.इंटरनेशनल बेसिक साइंस प्रोग्राम-

यह एक अन्तर्राष्ट्रीय बहु-विषयक कार्यक्रम है जिसे आधारभूत वैज्ञानिक शिक्षा में किसी देश की राष्ट्रीय क्षमता को मजबूत करने के लिये यूनेस्को के सदस्य देशों द्वारा स्थापित किया गया है ताकि विज्ञान के क्षेत्र में अंतर-सरकारी सहयोग को मुद्द किया जा सके।

सर्जनात्मकता और शिक्षा निर्देशन पर प्रकाश डालिए ।

सदस्य

193 देशों यूनेस्को के सदस्य हैं और 6 देश सहयोगी सदस्य हैं। अधिकांश सदस्यों के पास एक-एक राष्ट्रीय आयोग हैं जो उनकी शिक्षा, शैक्षिक,

सांस्कृतिक तथा संचार/सूचना समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं और पेरिस स्थित मुख्यालय तथा इनके फील्ड कार्यालयों के साथ उनके सम्बन्धी हेतु केन्द्र बिन्दु का कार्य करते हैं। सदस्य राज्य यूनेस्को को उसके दो वर्षीय कार्यक्रम तैयार करने में सहायता देते हैं।

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