व्यक्तिगत निर्देशन की व्याख्या कीजिए।

0
4

व्यक्तिगत निर्देशन ( Personal Guidance)

शैक्षणिक एवं व्यावसायिक निर्देशन के साथ-साथ व्यक्तिगत निर्देशन का भी प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व है। स्वास्थ्य, परिवार, मानसिक सन्तुलन तथा सामाजिक जीवन से सम्बन्धित विभिन्न समस्याओं को व्यक्तिगत निर्देशन के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाता है। इस प्रकार की व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान के उपरान्त ही व्यक्ति की एक सन्तुलित जीवन व्यतीत करने हेतु सक्षम बनाया जा सकता है। आयः यह देखने में आता है। कि उच्च स्तर की शैक्षिक योग्यता तथा व्यावसायिक क्षेत्र में पर्याप्त प्रगति के पश्चात् भी कुछ व्यक्ति अनेक प्रकार के असामान्य व्यवहारों, सामाजिक अवगुणों से ग्रस्त रहते हैं।

यही कारण है कि अपने व्यावसायिक क्षेत्र में पर्याप्त सम्मान प्राप्त करने के उपरान्त भी वे अपने परिवार, पडौस तथा समुदाय के अन्य सदस्यों के मध्य, प्राया उपेक्षापूर्ण जीवन ही व्यतीत करते हैं। परिवार एवं पड़ोस से समायोजनपूर्ण व्यक्तित्व के अभाव, मानसिक एवं संवेगात्मक विकारों की अस्पष्ट पहिचान तथा सहदयापूर्ण व्यक्तित्व के अभाव में ही, इस प्रकार की स्थितियाँ उत्पन्न होती है। इन स्थितियों से मुक्त होकर ही सन्तुलित, सुखद एवं प्रगतिशील जीवन की कल्पना की जा सकती है। वैयक्तिक निर्देशन, इस उददेश्य की पूर्ति में विशेष सहायक है।

आधुनिक शिक्षा में मारिया माण्टेसरी के प्रमुख योगदान क्या हैं?

लेस्टर डी० को एण्ड एलिस को के शब्दों में “व्यक्तिगत निर्देशन का तात्पर्य व्यक्ति को प्रदत्त उस सहायता से है, जो उसके जीवन के समस्त क्षेत्रों तथा अभिवृत्तियों के विकास को दृष्टि में रखकर उचित समायोजन की दिशा में निर्दिष्ट होती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here