विश्वविद्यालय अनुदान आयोग पर टिप्पणी लिखिए।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का संगठन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना 1953 में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग (1948) की सिफारिशों के फलस्वरूप की गई। संसद अधिनियम द्वारा 1956 में इसे वैधानिक संस्था स्वीकार किया गया। इस अधिनियम के अनुसार, इस संस्था में चेयरमैन एवं सचिव के अतिरिक्त 9 अन्य सदस्य होने चाहिए जिसमें कि 4 प्रसिद्ध भारतीय शिक्षाशास्त्री, 3 विश्वविद्यालय के कुलपति तथा 2 केन्द्रीय सरकार के प्रतिनिधि होंगे। वर्तमान में इसके चेयरमैन प्रो. धीरेन्द्रपाल सिंह हैं। इसके संगठन के सम्बन्ध में कोठारी आयोग ने लिखा है कि

  • इस आयोग में सदस्यों की संख्या 12 से 15 होनी चाहिए जिसमें 1/3 सदस्य विश्वविद्यालय के लिए जाने चाहिए।
  • समितियों द्वारा तत्परता से कार्य किया जाना चाहिए।
  • स्थायी महत्व की समितियों द्वारा ही कार्य का आरम्भ किया जाना चाहिए।
  • इस आयोग द्वारा समन्वय का कार्य किया जाना चाहिए।

शिक्षक प्रशिक्षण में शिक्षा की आवश्यकता।

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