प्रस्तावना-विज्ञान के प्रत्येक चमत्कार ने मनुष्य को अचम्भित किया है, परन्तु विद्युत तो एक ऐसा चमत्कार है, जिसके बिना हम आज अपने जीवन की कल्पना भी कर सकते। यह तो एक ऐसा चमत्कारिक शक्ति का प्रमाण है, जिससे हर मनुष्य का दैनिक जीवन प्रभावित हुआ विद्युत शक्ति
विद्युत शक्ति का उत्पादन-
विद्युत उत्पादन का प्रथम श्रेय तो वैज्ञानिकों को ही जाता है, क्योंकि उनके आविष्कारों से ही हम विद्युत उत्पादन में समर्थ हो पाए हैं। प्राचीन काल में आकाश में बादलों के टकराने से उत्पन्न चमक को देखकर मानव ने ऐसी ही चमक तिनके को रेशम अथवा ऊन के साथ रगड़कर उत्पन्न किया था। यह तो केवल घर्षण पर आधारित चमक थी। इसके पश्चात् सन् 1880 ई. में वोल्टा ने विद्युत को दो विभिन्न धातुओं के थोड़े खट्टे पानी में रगड़ने के रूप में खोज की। इसके बाद इसे बैटरी तथा सैल का नाम दे दिया गया। पुनः ‘ओसंटिड’ तथा ‘फैराडे’ ने चुम्बकीय विद्युत की खोज की। इसके पश्चात् ‘डायनेमो’ की खोज की गई जो आधुनिक विद्युत शक्ति का मुख्य स्रोत है। आज विद्युत-शक्ति का उत्पादन बड़े ऊँचे-ऊँचे बाँध बनाकर तथा वहाँ से पानी को अति तीव्र गति से नीचे गिराकर किया जाता है। यह प्रणाली बहुत सफल सिद्ध हो रही है क्योंकि इस विधि से हम अधिक मात्रा में विद्युत शक्ति पा सकते हैं।
विद्युत की उपयोगिता तथा लाभ
आज मनुष्य निरन्तर प्रगति की राह पर अग्रसर है और ‘विद्युत’ रूपी हथियार हर कदम पर उसका जीवन सुगम तथा सरल कर रहा है। आज तो घर या बाहर दोनों जगह ‘विद्युत’ सबसे उपयोगी वस्तु बन गई है, जिसने असम्भव को भी सम्भव कर दिखाया है। सबसे महत्त्वपूर्ण उपयोग तो विद्युत का यह है कि इसने हमारे जीवन को प्रकाशमय कर दिया है। घर, बाहर, दफ्तर, दुकान हर ओर उजाला ही उजाला हो जाता है। बटन दबाते ही हम अपना मनचाहा कार्य विद्युत प्रयोग से पूरा कर लेते हैं। हमारे उद्योग, कल-कारखाने, कृषि सभी विद्युत से प्रभावित है।
विद्युत के बल पर आज हमारे पहले की अपेक्षा अधिक उत्पादन कर रहे हैं तथा कृषि के उत्पादन में तीव्र प्रगति हो रही है। पहले खेतों की सिंचाई का कार्य बैल करते थे परन्तु अब विद्युत चालित नलकूपों से खेतों की सिंचाई में बहुत सुगमता आ चुकी है। हमारे दैनिक कार्य विद्युत के प्रयोग से बड़े ही सुगम हो चुके हैं। आज की ग्रहिणी एक साथ कई कार्यों को करती है, उसका जीवन इतना व्यस्त जो हो चुका है। आज एक तरफ बिजली के चालित कपड़े धोने की मशीन चलती रहती है, तो दूसरी तरफ खाना पकता रहता है। फ्रिज, कूलर, एयरकंडीशनर, मिक्सर, हेयर ड्रायर, टोस्टर, ओवन, माइक्रोवेव, कुकिंग रेंज तथा और भी न जाने कितने उपकरण हमारी सुख-सुविधाओं के लिए ही बने हैं, लेकिन सारा कमाल तो विद्युत का ही है। मनोरंजन के क्षेत्र में आज टेलीविजन, कम्प्यूटर आदि हमारी मदद कर रहे हैं तो चिकित्सा के क्षेत्र में तो विद्युत चालित मशीनों जैसे अल्ट्रसाउंड मशीन, एक्स-रे मशीन, कैट-स्कैन तथा और भी न जाने कितनी मशीनों ने डॉक्टरो का कार्य भी आसान कर दिया है और हम भी समय रहते बीमारियों का इलाज कराने में सक्षम हो रहे हैं। गर्मी हो या सर्दी, आधुनिक विद्युत चालित उपकरण हमारे लिए वरदान साबित हो रहे हैं। आज हर गाँव, हर शहर में विद्युत ने अपना सिक्का जमाया हुआ है और आगे भी तरक्की की राह पर अग्रसर है।
डॉ. हरिवंशराय बच्चन का जीवन परिचय (निबंध)
यदि विद्युत शक्ति न होती
यह सोचकर तो हमारा हृदय काँप उठता है। कि यदि ‘विद्युत’ रूपी वरदान हमारे पास न होता तो क्या होता? इसके बिना तो हमारा जीवन अधूरा है, हम पंगु हैं। विद्युत के न होने पर हमें अनगिनत कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। यदि ग्रीष्म ऋतु में विद्युत न हो तो, न तो पंखे, कूलर, एयरकंडीशनर चल पाएँगे और न ही फ्रिज का ठंडा-ठंडा पानी मिल पाएगा। सर्दियों में न तो गीजर चल पाएगा तो हमें सारा काम ठंडे पानी से ही करना पड़ेगा तथा हीटर न चलने पर कमरा ठंडा रह जाएगा तथा हम सर्दी में ठिठुरते रहेंगे। विद्यार्थियों के लिए तो जैसे सबसे बड़ा संकट उत्पन्न हो जाएगा। वे कम्प्यूटर के बिना अपना प्रोजेक्ट कैसे तैयार करेंगे, ‘इन्टरनेट’ के बिना आधुनिक जानकारी कैसे हासिल करेंगे और सबसे बड़ी बात अँधेरे में कैसे पढ़ेंगे? विद्युत के बिना हम रेडियो, टेलीविजन, बेतार का तार आ सुविधाओं से वंचित रह जाएँगे। अब तो रेलगाड़ियाँ भी विद्युत चालित है, तो हम यात्रा कैसे करेंगे। बिना एक्सरे, अल्ट्रासाउंड के डॉक्टर कैसे काम चलाएँगे, कितने ही बीमार लोग इन सबके अभाव में समय से पहले ही मर जाएँगे। इसके अतिरिक्त और भी न जाने कितनी परेशानियाँ हमारे सामने वाहें फैलाकर खड़ी हो जाएगी, जिनका सामना करने का अब हममें साहस नहीं रह गया है।
उपसंहार – वास्तव में आज के सभ्य समाज की धुरी विद्युत ही है। हम सभी आज पूर्ण रूप से विद्युत पर आश्रित है। यदि बिजली न हो तो शायद हमारा जीवन आधा ही रह जाएगा तथा हमारे जीवन की गति बहुत धीमी हो जाएगी। हम जिस सुख-सुविधा सम्पन्न जीवन के आदी हो चुके हैं वह यदि हमारे हाथों से छिन जाए तो हम अपनी जिन्दगी से ही परेशान होने लगेंगे। आज तकनीकी तथा वैज्ञानिक विकास में विद्युत की सहायता से मानव रोज नए प्राकृतिक रहस्यों को खोल रहा हैं अतः विद्युत आज हमारे जीवन में रोटी, कपड़ा तथा मकान जितना ही महत्त्वपूर्ण हो गई है। आज हम ऐशो-आराम में रहने के आदी हो चुके हैं। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि विद्युत विज्ञान की सबसे महत्त्वपूर्ण देन है, जिसके लिए मनुष्य हमेशा उनका आभारी रहेगा।।