विद्यालयी शिक्षा के सुधार हेतु क्या कदम उठाये जाने चाहिए?

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प्राथमिक विद्यालयी शिक्षा के सुधार हेतु कुछ उपाय अप्रलिखित हैं-

  1. छात्रों एवं शिक्षकों को सहायक सेवाएं प्रदान करना,
  2. पाठ्यक्रम में सुधार करना,
  3. परीक्षा प्रणाली में सुधार करना,
  4. शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना,
  5. अध्यापकों की पूर्ति करना,
  6. शिक्षा के प्रशासन में सुधार करना,
  7. दिशा की निश्चित नीति,
  8. उत्तम विद्यालयों की व्यवस्था करना,
  9. सामाजिक समस्याओं का समाधान करना

सरकारी उपाय-

सरकार ने प्राथमिक शिक्षा को प्रसारित करने के उद्देश्य से 2002 07 तक 65.6 प्रतिशत कुल व्यय का इसी शिक्षा पर व्यय करने का निर्माण लिया। इसके अन्तर्गत 14 वर्ष तक की आयु के सभी वर्गों के बालकों हेतु शिक्षा का प्रबन्ध किया गया है। इसके विकास हेतु किये गये प्रमुख कार्य निम्नलिखित है

उपभोक्ता के स्वतन्त्र उपभोग करने में क्या-क्या बाधायें आती हैं एवं भारत में उपभोक्ता के हितों की श्रखा के लिये सरकार ने क्या-क्या उपाय किये हैं?

  1. यदि आधुनिक प्राथमिक विद्यालयों की बात करें तो इनमें काफी वृद्धि हुई है। 1950 51 में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 2.32 लाख थी लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या 8.84 लाख है।
  2. 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने का सराहनीय प्रयास सरकार द्वार किया गया तथा प्राइमरी स्तर पर बालकों को निःशुल्क किताबें भी बाँटने का प्रावधान किया गय है।
  3. इस प्रकार अनुसूचित जातियों तथा बालिकाओं की संख्या में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है। इस प्रकार प्राथमिक शिक्षा का विकास तेजी से हुआ है।

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