विद्यालय में लैंगिक संवेदनशीलता विद्यालय में अध्यापक एवं विद्यार्थी तथा अन्य स्टाफ सदस्य परस्पर संपर्क में रहते हैं सभी को परस्पर अनुक्रिया अथवा अंतः क्रिया के माध्यम से शैक्षिक प्रक्रिया को बढ़ाना होता है। ऐसी स्थिति में विद्यालय में लैंगिक संवदेशीलता के विभिन्न आयाम हो सकते हैं जिनमें सभी को अपने दृष्टिकोण एवं व्यवहार पर सतर्कतापूर्वक दृष्टि रखनी चाहिए।
भारत में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा विद्यालयों हेतु एक लैंगिक सेवेदनशीलता चेक लिस्ट का निर्माण किया गया है जो कि विद्यालय संगठन के प्रत्येक क्षेत्र में लैंगिक R संवेदनशीलता को सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध हुई है ये क्षेत्र निम्नांकित हैं –
- विद्यालय का दृष्टिकोण
- विद्यालय प्रबंधन
- विद्यालय प्रशासन
- विद्यालय का लक्ष्य
- विद्यालय का बुनियादी ढांचा एवं सुविधाएँ।
- पाठ्यक्रम दृष्टिकोण
- शाब्दिक सामग्री
- विद्यालय गणवेश
- शैक्षणिक पद्धतियाँ
- पाठ्य सहगामी एवं पाठ्येत्तर गतिविधियों
- विद्यालय परिवहन
- लिंग आधारित हिंसा
- विद्यालय सहायता / समर्थन तंत्र (क्लिनिक / दुर्बलता/ परामर्श सेवाएं)
मैकाले विवरण-पत्र का तात्कालिक एवं दीर्घकालिक प्रभाव बताइए।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा इस संदर्भ में जारी मार्ग निर्देशन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विद्यालय में प्रारंभिक स्तर पर ही लैंगिक संवेदनशीलता का विकास प्रारंभ करना चाहिए एवं किसी भी स्थिति में लैंगिक आधार पर असमानता का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।
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