राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में वे सिद्धान्त निहित है जिनका पालन करना राज्य का कर्तव्य है। राज्य के नीति निर्देशक तत्त्व कुछ ऐसे लक्ष्य की ओर संकेत करते हैं जो आर्थिक, सामाजिक और राजनीति के क्षेत्र में मानव के सुखी एवं उन्नत जीवन के आधार हैं। संविधान के अनुच्छेद 37 के अन्तर्गत, नीति निर्देशक तत्व न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे लेकिन फिर भी इनमें अधिकथित तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि बनाने में इन तत्वों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा। इसका तात्पर्य यह नहीं है राज्य इन तत्वों की अवहेलना करने में स्वतन्त्र है। राज्य किसी भी हालत में इन नीति-निदेशक तत्वों की अवहेलना नहीं कर सकता क्योंकि संविधान में इन्हें मूलभूत बताया गया है, और इनको मान्यता देना राज्य का कर्तव्य घोषित किया गया है यदि राज्य इनकी अवहेलना करता है तो इसका अर्थ यह होगा कि वह संविधान की ‘अवहेलना करता है।
डॉ. अम्बेडकर के मतानुसार, यह कहा जा सकता है एक नीति निदेशक सिद्धान्तों की पृष्ठभूमि में कोई विधिक शक्ति नहीं है, मैं इसे स्वीकार करने को तैयार हूँ। परन्तु में यह मानने
को तैयार नहीं हूँ कि उनमें किसी प्रकार की बाध्यता का बल नहीं है। न तो मैं यह स्वीकार करने का तैयार हूँ कि इसलिए निरर्थक है, कि उनकी बाध्यता का बल विधि के अन्तर्गत नहीं है। निदेशक सिद्धान्त उन निदेशों के आदेशों की भाँति हैं, जोकि ब्रिटिश शासन द्वारा सन् 1935 के अधिनियम में उपनिवेशों के गवर्नर जनरलों और गवर्नरों तथा भारत के ऐसे ही अधिकारियों को दिये जाते थे।
नीति निदेशक तत्व, आर्थिक और सामाजिक आदर्श के किसी निश्चित रूप का उपबन्ध नहीं करते वरन् केवल उन्हीं लक्षणों की स्थापना करते हैं, जो समय-समय पर लागू की गई नीतियों द्वारा विभिन्न तरीकों से प्राप्त किये जा सकते हैं।
साधारणतया राज्य के नीति निर्देशक सिद्धान्त निम्नलिखित हैं
(क) सामाजिक और आर्थिक न्याय पर आधारित सामाजिक व्यवस्था
राज्य का कर्तव्य है कि अपने नागरिकों के लिये सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चितः करे। राज्य इस बात का प्रयास करेगा कि विशेष रूप से व्यक्तियों की आय में असमानता कम हो, और पद, सुविधाओं और अवसरों के सम्बन्ध में न केवल व्यक्तियों के वरन क्षेत्र में निवास करने वाले या विभिन्न व्यवसाय में लगे सभी वर्गों में असमानता कम हो।
(ख) राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति के तत्व
राज्य अपनी नीति का विशेषतया इस प्रकार संचालन करेगा, जिसमें सभी नागरिकों को जीविका के पर्याप्त साधन एवं उत्पादन के साधनों को उचित एवं समान बँटवारा, समान कार्य के लिये समान वेतन, स्त्रियों के स्वास्थ्य एवं शक्ति की संरक्षा हो सके, बालकों को स्वतन्त्र और गरिमामय वातावरण में स्वास्थ्य विकास के अवसर और सुविधायें दी जाये और बालकों की बचपन की, व्यक्तियों के शोषण से तथा नैतिक और आर्थिक परित्याग से रक्षा की जाये। राज्य अपने आर्थिक सामर्थ्य और विकास की सीमाओं के भीतर प्रत्येक व्यक्ति के लिये काम पाने, शिक्षा पाने तथा बेकारी, बुढ़ापा, बीमारी और अंग तथा अन्य अनहं अभाव की दशाओं में सार्वजनिक सहायता पाने के अधिकारों को प्राप्त करने का कार्य साधक उपबन्ध करेगा।
राज्य को श्रमिकों के लिये स्वास्थ्य एवं चिकित्सा की सुविधा की व्यवस्था करनी चाहिये। राज्य यथोचित और मानवोचित दशाओं की तथा प्रसूति सहायता को उपबन्ध करेगा। राज्य श्रमिकों को उचित वेतन, शिष्ट जीवन स्तर, अवकाश तथा सामाजिक और सांस्कृतिक अवसर प्राप्त कराने का प्रयास करेगा और विशेष रूप से ग्रामों में कुटीर उद्योगों को बढ़ाने का प्रयास करेगा। राज्य उद्योगों में लगे हुये उपक्रमों या प्रतिष्ठानों अथवा अन्य संगठनों के प्रबन्ध में श्रमिकों को भागीदार बनाने के लिये कदम उठायेगा। राज्य लोगों के आहार, पुष्टिकर और जीवन स्तर को ऊँचा उठाने तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने का प्रयास करेगा, तथा विशेषतया नशीली औषिधियों के प्रतिषेध का प्रयास करेगा। राज्य अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित आदम जातियों के शिक्षा तथा अर्थ-सम्बन्धी हितों की विशेष सावधानी से उन्नति करेगा तथा सामाजिक अन्याय तथा सब प्रकार के शोषण से उनका संरक्षण करेगा।
मानव अधिकार के अर्थ को स्पष्ट कीजिए।
राज्य अशिक्षा को दूर करने के लिए 14 वर्ष तक की आयु के सभी बालकों के लिए निःशुल्क शिक्षा देने के लिये व्यवस्था करेगा। राष्ट्र भारत के समस्त राज्य क्षेत्रों में नागरिकों के लिये एक समान नागरिक संहिता स्वपित करने का प्रयास करेगा। राज्य कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों से संगठित करने का प्रयास करेगा; तथा विशेषतः गायों और बछड़ों तथा अन्य दुधारू और वाहक चोरों की नरल का परीक्षण और सुधारने का प्रयास करेगा तथा उनके वर्ष का प्रतिशेध करने के लिए अग्रसर होगा। राज्य देश के पर्यावरण की संरक्षा तथा उनमें सुधार करने का और वन तथा अन्य जीवों की सुरक्षा का प्रयास करेगा। राज्य राष्ट्रीय वातावरण की संरक्षा व उन्नति तथा अन्य जीवों की सुरक्षा प्रदान करेगा। राज्य स्मारक या स्थान या वस्तु की यथास्थिति बर्बादी, विरुपया (Disfigurement), विनास, अपसारया, (Removal) व्यय अथवा निर्यात से रक्षा करायेगा।
- InCar (2023) Hindi Movie Download Free 480p, 720p, 1080p, 4K
- Selfie Full Movie Free Download 480p, 720p, 1080p, 4K
- Bhediya Movie Download FilmyZilla 720p, 480p Watch Free
- Pathan Movie Download [4K, HD, 1080p 480p, 720p]
- Badhaai Do Movie Download Filmyzilla 480p, 720p, 1080, 4K HD, 300 MB Telegram Link
- 7Movierulz 2023 HD Movies Download & Watch Bollywood, Telugu, Hollywood, Kannada Movies Free Watch
- नारी और फैशन पर संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- बेबीलोन के प्रारम्भिक समाज को समझाइये |
- रजिया के उत्थान व पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- संस्कृतिकरण की व्याख्या कीजिए।
- ‘ग्रीन का स्वतंत्रता सम्बन्धी सिद्धान्त’ की विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
- अजातशत्रु की वैशाली विजय पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।