वत्सराज के राज्यकाल की विशेषताएँ
वत्सराज के राज्यकाल की विशेषताएँ – वत्सराज प्रतिहार वंश का एक महान शासक था। इसके पिता का नाम देवराज और माता का नाम भूमिका देवी था। वत्सराज सन् 776 ई. में प्रतिहारों का शासक बना। उसके सिंहासन पर बैठते समय प्रतिहार साम्राज्य के कई शत्रु हो गये थे। वत्सराज ने अपने पराक्रम से शत्रुओं को पराजित किया और अपने साम्राज्य की रक्षा की। वत्सराज के शासनकाल की प्रमुख घटनायें निम्न है
भाण्ड से युद्ध
ग्वालियर अभिलेख से पता चलता है कि वत्सराज ने भाण्डिकुल को पराजित किया था भाण्डि कौन था? इस विषय में विद्वानों में मतभेद है। ऐसा प्रतीत होता है कि हर्ष के ममेरे भाई भाण्डि ने हर्ष की मृत्यु के बाद एक स्वतन्त्र राज्य की स्थापना कर ली थी जिसे वत्सराज ने पराजित कर दिया।
कन्नौज पर विजय
कन्नौज में उस समय इन्द्रायुध नामक राजा शासन कर रहा था। वत्सराज ने उसे पराजित कर कन्नौज पर अधिकार कर लिया।
पालों से संघर्ष
डिंडोरी अभिलेख से पता चलता है कि वत्सराज ने गौड़ नरेश को पराजित किया था। ऐसा प्रतीत होता है कि उस समय गौड़ (बंगाल) में पाल नरेश दुर्लभराज राजा था जिसे वत्सराज ने पराजित किया था।
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राष्ट्रकूटों से युद्ध-
रघनपुर और डिंडोरी लेख से पता चलता है कि वत्सराज का राष्ट्रकूट शासक ध्रुव से युद्ध हुआ था। इस युद्ध में वत्सराज पराजित हुआ था। इस पराजय के बाद वत्सराज का साम्राज्य केवल मध्य राजपूताना तक ही सीमित रह गया था। सन् 808 ई. में वत्सराज की मृत्यु हो गयी।