वाकाटक कौन थे? – तीसरी शतब्दी ई. से छठी शताब्दी ई. तक दक्षिणापथ में शासन करने वाले समस्त राजवंशों में वाकाटक वंश सर्वाधिक सम्मानित तथा सुसंस्कृत था। प्रसिद्ध विद्वान जेद् इमील ने एनशिपन्ट हिस्ट्री आफ डेकन के पृष्ठ संख्या 71 में कहा है कि “दक्षिण के उन समस्त राजवंशों में जिन्होंने तीसरी शताब्दी ई. से छठी शताब्दी ई. तक राज्य किया। सबसे अधिक गौरवपूर्ण एवं आदरणीय स्थान का पात्र तथा सबसे अद्वितीय तथा सम्पूर्ण दक्षिण के राज्यों में श्रेष्ठतम सभ्यतावाला निश्चय ही वाकाटकों का यशस्वी राजवंश था।”
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इस यशस्वी राजवंश ने मध्य भारत तथा दक्षिणी भारत के ऊपरी भाग में शासन किया और यह मगध के चक्रवर्ती गुप्तवंश का समकालीन था। इस राजवंश के लोग विष्णुबुद्धि गोत्र के ब्राह्मण थे तथा उनका मूल निवास स्थान वरार (विदर्भ) में था।