उपभोक्तावाद की उपयोगिता को निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है।
- उपभोक्तावाद वितरण व्यवस्था में व्याप्त दोषों को कम करने में सहायक है। इससे जमाखोरी तथा चोरबाजारी के कारण आपूर्ति की स्थिति खराब होने से बच जाती है।
- उपभोक्तावाद सरकार को उपभोक्ताओं के हितों के प्रति अत्यधिक उत्तरदायी बनाने में सहायक सिद्ध होता है।
- उपभोक्तावाद व्यापार को प्रतिपुष्टि या फीडबॅक उपलब्ध कराने में सहायता प्रदान करता है।
- उत्पादक और विक्रेता ग्राहकों को प्रभावहीन एवं निष्क्रिय नहीं मान सकते और न ही उन पर पूरा भरोसा कर सकते हैं। जब उपभोक्ता अपने अधिकारों के संरक्षण में अधिक ताकतवर होंगे, तो व्यापारी अनुचित व्यवहार से बचने कोशिश करेंगे।
1947 की माऊटबेटन योजना की विवेचना कीजिए।
- ‘ग्रीन का स्वतंत्रता सम्बन्धी सिद्धान्त’ की विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
- ‘प्रतिनिधि सरकार’ पर मिला के विचारों का वर्णन कीजिए।
- ‘भारत प्रजातियों का दावण पात्र है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए ?
- ‘शिक्षा में नूतन आयाम सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में तेजी से हो रहे परिवर्तनों के लिए आवश्यक है।” विवेचना कीजिए।
- ‘शैक्षिक नवाचार शिक्षा में सुनियोजित सकारात्मक परिवर्तन का नाम है।” स्पष्ट कीजिये।
- ‘सबको शिक्षा सुलभ कराना’ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- ‘सामाजिक समझौता का सिद्धान्त’ के बारे में थामस हॉब्स के विचारों की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।