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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1993 पर टिप्पणी लिखिए।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1993

21 जून, 1993 को केन्द्र सरकार ने ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1993 को अणिक प्रभावी बनाने हेतु इसमें कुछ संशोधन किए हैं। नए अध्यादेश को ‘उपभोक्ता संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 1993’ कहा जाता है।

इस अधिनियम की विशेषताएँ निम्नलिखित है।

  1. आवास निर्माण सम्बन्धी सेवाओं को नए अधिनियम के क्षेत्र में लाना।
  2. सामग्री तथा सेवा में किसी तरह अनियमितता पाए जाने के उपरान्त शिकायत दर्ज किए जाने के लिए एक वर्ष की समय सीमा निश्चित किया जाना।
  3. उपभोक्ताओं को जीवन एवं सुरक्षा के लिए घातक सामग्री के सन्दर्भ में और किसी व्यापारी द्वारा प्रतिबन्धित करने के सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराने का अधिकार देना।
  4. त्रुटिपूर्ण और जान-बूझकर परेशान करने के लिए शिकायत करने वाले शिकायत कर्त्ताओं को दण्डित करने का अधिकार दिया जाना।
  5. स्वरोजगार में लगे उन उपभोक्ताओं को शिकायत निवारण एजेन्सियों के समक्ष शिकायत दर्ज कराने का अधिकार देना जो अपने भरण-पोषण हेतु क्रय की गई वस्तुओं में कोई खराबी पाते हैं।
  6. समान हित वाले उपभोक्ता समूहों को साझा शिकायत करने का अधिकार देना। बढ़ोत्तरी ।
  7. जिला मंच, राज्य आयोगों तथा राष्ट्रीय आयोग के मुद्रा सम्बन्धी अधिकारों में
  8. ( विभिन्न शिकायत निवारण एजेन्सियों के गैर न्यायिक सदस्यों के चयन के लिए समितियों के गठन का अधिकार देना।

मध्यम वर्ग से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए।

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