उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की आवश्यकता / महत्त्व लिखिए।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की आवश्यकता

भारतीय उपभोक्ता की बढ़ती हुई क्रय क्षमता के कारण तथा उन्हें भ्रामक सूचनाओं से बचाने एवं अन्याय तथा शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए, भारतीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 बनाने की आवश्यकता पड़ी। जिस गति से भारतीय उपभोक्ता विश्व बाजार में उपभोक्ताओं की सर्वोच्च श्रेणी पर जा पहुंचा है, उस दृष्टिकोण से भी भारत में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को विशेष महत्वपूर्ण समझा गया है। इसके निम्न कारण हैं।

  1. उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए,
  2. परिवेदनाओं/ शिकायतों का शीघ्र समाधान करने के लिए,
  3. सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति जागरूकता लाने के लिए,
  4. व्यवसायियों की शोषण करने की प्रवृत्ति से मुक्ति दिलाने के लिए,
  5. जिला स्तर, राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ताओं को एक मंच प्रस्तुत करने के लिए,
  6. अवांछनीय व्यापार-व्यवहारों को रोकने के लिए.
  7. वस्तु की उपयोगिता, गुणवत्ता, शुद्धता, मूल्य तथा उपयोग विधि के बारे में सूचित करने के लिए,
  8. उपभोक्ताओं के सामाजिक जीवन स्तर में वृद्धि करने के लिए,
  9. मानवीय कल्याण करने एवं प्रदूषण से सुरक्षा प्रदान करने के लिए,
  10. व्यवसाय सम्बन्धी कानूनों की जानकारी प्रदान करने के लिए।


अनुसूचित जातियों की प्रमुख समस्याओं पर प्रकाश डालिये।

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