उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के उद्देश्य
भारत में दिसम्बर, 1986 में पारित तथा पूर्णरूप से । जुलाई 1987 से लागू किए गए इस उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के उद्देश्य निम्न प्रकार हैं
- व्यापारियों के अनैतिक क्रियाकलापों के विरुद्ध उपभोक्ताओं को संरक्षण प्रदान करना।
- ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में निवास करने वाले असंगठित उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग करते हुए शिक्षित करना।
- उपभोक्ताओं को आवश्यक क्षतिपूर्ति दिलवाना।
- उपभोक्ताओं के हितार्थ ‘उपभोक्ता संरक्षण परिषदों’ की स्थापना करना तथा उनमें विभिन्न विवादों के निपटारे की व्यवस्था करना।
- ‘विपणन नियन्त्रण’ करने हेतु अर्द्ध-सरकारी न्यायिक तन्त्र की स्थापना करना इत्यादि ।।