बई इतिहासकारों ने तुगलक वंश के पतन के लिए मुहम्मद तुगलक को उत्तरदायी ठहराया है। इनके अनुसार मुहम्मद तुगलक की निम्न नीतियाँ इसके लिए उत्तरदायी थी-
(1) मुहम्मद तुगलक की साम्राज्य विस्तार की नीति के कारण साम्राज्य का विस्तार बहुत अधिक हो गया था और उस पर अब नियन्त्रण स्थापित करना कठिन हो रहा था अतः ऐसी स्थिति में विद्रोह होने लगे थे।
(2) मोहम्मद बिन तुगलक ने दोआब के भू राजस्व में कर वृद्धि कर दी थी उस समय वहाँ अकाल पड़ा हुआ था। जिससे दोआब की जनता में विद्रोह फैल गया और उस पर सुल्तान के दमनात्मक अभियानों ने दोआब की जनता को असंतुष्ट कर दिया।
(3) मोहम्मद बिन तुगलक ने राजधानी दिल्ली से देवगिरि (दौलताबाद) करने का निर्णय लिया। उसका मत था दौलताबाद उसके साम्राज्य के केन्द्र में स्थित था और दिल्ली से दक्षिण भारत में ज्यादा सम्पन्नता थी परन्तु उसकी योजना असफल रही।
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(4) मुहम्मद तुगलक ने चाँदी का कमी के कारण ताँबा और पीतल की स मुद्रा चलाई परन्तु लोगों के जाली सिक्के डालने के कारण राजकोष को काफी हानि उठानी पड़ी।
(5) मुहम्मद बिन तुगलक के अनेक कार्यों ने उलेमाओं को भी नाराज कर दिया था जिससे वे इस शासन के विरुद्ध हो गये थे।
इस प्रकार मुहम्मद बिन तुगलक की नीतियों ने साम्राज्य पर पकड़ ढीली कर दी थी और धीरे-धीरे इसका पतन प्रारम्भ हो गया।