त्रिभाषा सूत्र भाषा समस्या
त्रिभाषा सूत्र का सुझाव माध्यमिक शिक्षा आयोग 1952-53 मुदालियर आयोग ने दिया इस आयोग के गठन का मुख्य उद्देश्य तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा की समस्याओं का अध्ययन करके उनके सम्बनध में सुझाव देना था प्रश्नावली व साक्षात्कारों की सहायता से माध्यमिक शिक्षा की विविध समस्याओं का परिचय पाकर आयोग ने भाषा सम्बन्धी विवाद का समाधान खोजने का प्रयास किया।
आयोग ने माध्यमिक शिक्षा के सम्बन्ध में भाषा के बारे में त्रिभाषा सूत्र पर जोर देकर कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा का समाधान मातृभाषा, प्रादेशिक भाषा रखने का सुझाव दिया।
मानव के मूल अधिकारों की विशेषता बताइये।
निडिल स्कूल स्तर पर कम से कम दो भाषायें पढ़ाई जानी चाहिए। जूनियर बेसिक स्तर के अन्त में अंग्रेजी व हिन्दी पढ़ाई जानी चाहिए. परन्तु किसी भी एक वर्ष में दोनों भाषायें शुरू नहीं करनी चाहिए। उच्च माध्यमिक स्तर पर कम से कम दो भाषायें पढ़ाई जानी चाहिए जिनमें से एक मातृभाषा अथवा क्षेत्रीय भाषा होनी चाहिए।