ट्रैन्ट परिषद् के निर्णय – कैथोलिक चर्च में सुधार का कार्य जर्मनी के प्रसिद्ध नगर ट्रेन्ट में हुई। जो ट्रेट सभा के नाम से विख्यात हुई। ट्रेन्ट सभाओं के नर्णिय द्वारा चर्च में व्याप्त भ्रष्टाचार व विलासिता को दूर करने का आदेश दिया गया तथा चर्च के पदों की बिक्री बन्द कर दी गई। बाइबिल के लैटिन अनुवाद को मान्य घोषित किया गया ईसाईयों के सातों संस्कारों को आवश्यक बताया गया। धार्मिक मामलों में पोप की श्रेष्ठता घोषित की गई। कुछ पुस्तकों जिनमें प्रोटेस्टेण्ट मत की भी पुस्तकें थीं, कैथोलिकों के लिए निषिद्ध घोषित की गई। मठों, चर्चा तथा पाठशालाओं में कैथोलिक धर्म की शिक्षा पर तल दिया गया।
हड़प्पा सभ्यता के उद्भव सम्बन्धी विदेशी मत पर टिप्पणी लिखिए।
इस कासिल के निर्णय द्वारा ऐसी पुस्तकों की सूची बनाई जाए जो चर्व विरोधी थी। इन पुस्तकों में इरेसमस और मैक्यावेली की पुस्तकें भी थीं लेकिन चर्च का यह उपाय सफल नहीं हो सका। पुस्तकों पर पूर्णरूप से प्रतिबन्ध नहीं लग सका।