तराइन के द्वितीय युद्ध का वर्णन कीजिए।

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तराइन का प्रथम और तराइन के द्वितीय युद्ध पृथ्वीराज तृतीय और मुहम्मद गोरी के मध्य हुआ था। तराइन के प्रथम युद्ध में जहाँ पृथ्वीराज को विजय प्राप्त हुई वहीं तराइन के द्वितीय युद्ध में मुहम्मद गोरी की विजय हुई और पृथ्वीराज मारा गया।

तराइन का द्वितीय युद्ध

मुहम्मद गोरी एक साहसी व्यक्ति था। पृथ्वीराज से पराजित होने के बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी और एक वर्ष के बाद ही वह तराइन के मैदान में पुनः आ हटा। मुहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज के पास सन्देश भेजा कि वह इस्लाम धर्म स्वीकार कर ले अथवा युद्ध के लिए तैयार रहे। पृथ्वीराज ने इस्लाम स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। मुहम्मद गोरी ने कूटनीति से काम लेते हुए सोयी हुई राजपूत सेना पर आक्रमण कर दिया। इस अचानक आक्रमण से राजपूत सेना सम्मल नहीं पायी और शीघ्र ही परास्त हो गयी। इस युद्ध में लगभग एक लाख राजपूत मारे गये और पृथ्वीराज को बन्दी बना लिया गया जिसे बाद में मृत्युदण्ड दे दिया गया। इस प्रकार तराइन के द्वितीय युद्ध के पश्चात् भारत में मुस्लिम शासन की स्थापना हुई।

पालकालीन मूर्तिकला |

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