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राज्यवर्द्धन का राजनैतिक इतिहास लिखिए।

राज्यवर्द्धन का राजनैतिक इतिहास –राज्यवर्द्धन राज्यवर्द्धन प्रभाकरवर्द्धन की तीनों संतानों में सबसे टोटा था। हर्षचरित से पता चलता है कि, प्रभाकरवर्द्धन के शासनकाल के अंतिम दिनों में राज्य की उत्तर-पश्चिमी । सीमाओं पर हुणों ने आक्रमण कर दिया । वृद्धावस्था के कारण प्रभाकर स्वयं युद्ध में जाने लायक नहीं था, अतः हूणों से निपटने का …

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गाँव की परिभाषा और गाँव की प्रमुख विशेषताये क्या है?

गांव की परिभाषा – गांव की परिभाषा -इरावती कर्वे के अनुसार, “एक आकस्मिक अवलोकनकर्ता के लिए एक क्षेत्रीय निवास गांव कहलाते हैं जहां अधिकांश रूप से खेती हो और इन खेतों का वितरण हो गया हो और कई रूपों में विभिन्नता आ गई हो और अब भी वे गांव कहलाते हैं। जो गांवों में रहते …

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वैदिक काल में शिक्षा का क्या अर्थ था

वैदिक काल में “शिक्षा’ शब्द का प्रयोग अनेक अर्थों में हुआ है- शिक्षा के लिए विद्या, प्रबोध एवं विनय आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता था। शिक्षा शब्द की उत्पत्ति “शिक्ष’ धातु से होती है। इसका अर्थ है “शिक्ष विधोपादाने’ अर्थात् विद्या को प्राप्त करना। साहित्य में शिक्षा के लिए “विनय’ पद का भी प्रयोग …

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हर्षवर्धन राज्यकाल का इतिहास के साहित्यिक साक्ष्यों का उल्लेख कीजिए।

हर्षवर्धन राज्यकाल का इतिहास जानने के स्रोतों को मुख्य रूप से निम्न तीन भागों में बांटा जा सकता है साहित्यिक स्रोत विदेशी यात्रियों के वृतान्त तथा पुरातात्विक स्रोत (क) साहित्यिक स्रोतः हर्ष कालीन इतिहास को जानने के अनेक साहित्यिक स्रोत प्राप्त होते हैं जिनमें से प्रमुख साहित्यिक स्रोत निम्न हैं (1) हर्ष चरित्रः बाणभट्ट कृत …

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छात्रों को प्रभावित करने वाले शैक्षिक कारकों का उल्लेख कीजिए।

शिक्षा हेतु छात्रों को प्रभावित करने वाले कारक 1. वर्ग और पाठ्यचर्या संरचना शैक्षिक कारकों जब छात्र महसूस करते हैं या देखते हैं कि कक्षाएं एक संरचना का पालन करती हैं, और पाठ्यक्रम और कक्षा सामग्री पहले से तैयार की गई है, तो यह उन्हें सुरक्षा की भावना प्रदान करता है। सुरक्षा की भावना हमारी …

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भारत में समाजशास्त्रीय विचारों के विकास की व्याख्या कीजिए।

भारत में समाजशास्त्र का विकास भारत में समाजशास्त्रीय विचारों के विकास का उदय एवं विकास भारत में अत्यन्त प्राचीन काल में हो चुका था। आज भी चाणक्य, मनु एवं भृगु आदि एक समाजशास्त्री के रूप में स्वीकार किये जाते हैं। ईसा से 300 वर्ष पूर्ण चाणक्य का अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र की एक अनुपम कृति है। इस …

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समाज में क्षेत्रीय विविधताओं की प्रकृति की विवेचना कीजिए।

समाज में क्षेत्रीय विविधताओं समाज में क्षेत्रीय विविधताओं भारतीय समाज में धार्मिक एवं सजातीय विविधता के साथ-साथ क्षेत्रीय विविधता के भी दर्शन होते हैं। भौगोलिक विस्तार की दृष्टि से भारत एक विशाल देश है जिसके कारण देश के प्रत्येक क्षेत्र में समान आधार पर सामाजिक व्यवस्था का निर्माण करना सम्भव नहीं है। देश के पूर्व …

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शिक्षण का अर्थ एवं परिभाषा लिखिये तथा शिक्षण की विशेषतायें बताइये।

शिक्षण का अर्थ-ज्ञान प्रदान करने की प्रक्रिया को शिक्षण कहा जाता है। अंग्रेजी के शब्द Teaching का पर्याय है। शिक्षण शिक्षा का कार्यकारी पहलू है। शिक्षण का लक्ष्य ज्ञान, अनुभव और कौशल प्रदान करना होता है। शिक्षण को क्रिया शिक्षक एवं शिक्षार्थी के परस्पर विचार-विमर्श या अन्तः क्रिया द्वारा संचालित होती है। इस प्रकार शिक्षण …

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समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य से आप क्या समझते हैं? समाजशास्त्र के मानवतावाद परिप्रेक्ष्यों के बारे में विस्तार से लिखिए।

समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य का तात्पर्य / अर्थ समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य का तात्पर्य / अर्थ अंग्रेजी भाषा में “पर्सपेक्टिव शब्द का प्रयोग परिप्रेक्ष्य के लिए किया जाता है, ज लैटिन भाषा के (पर्सपेक्ट) शब्द से बना है जिसका तात्पर्य (अर्थ) ऊपर से नीचे तक देखन होता है। इस प्रकार परिप्रेक्ष्य का शाब्दिक अर्थ एक सिरे से दूसरे सिरे …

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भारत में भाषायी विविधता का वर्णन कीजिए।

भारत में भाषायी विविधता का वर्णन भारत में भाषायी विविधता भारत एक महान देश है। अनेकता में एकता इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। यहाँ विभिन भाषाओं को बोलने वाले लोग रहते हैं। यहाँ लगभग 179 भाषाएँ एवं 544 बोलियाँ प्रचलन में है। विद्वानों का मत है कि भारत में 1,650 भाषाएँ एवं बोलियाँ पाई जाती …

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