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संयुक्त राष्ट्र संघ पर संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।

प्रस्तावना-संसार में सदा ही युद्ध तथा शान्ति की आँख-मिचौली चलती रहती है, परन्तु मूल रूप से मानव शन्ति प्रेमी ही है। हाँ कभी-कभी देशों के बीच पारस्परिक झगड़े इतने बढ़ जाते हैं कि उनका अन्त युद्धों में ही होता है। ऐसे ही युद्धों तथा अन्य समस्याओं को सुलझाने के लिए विश्व के प्रायः सभी राष्ट्रों …

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सिकन्दर के भारत पर आक्रमण के प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।

सिकन्दर के भारत पर आक्रमण के प्रभाव निम्न क्षेत्रों में दिखायी पड़ता है (i) नए मार्गों की खोज इस आक्रमण का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम था भारत और यूनान के बीच विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष सम्पर्क की स्थापना सिकन्दर के अभियान से चार भिन्न-भिन्न स्थल- मार्गों और जलमार्गों के द्वार खुले। इससे यूनानी व्यापारियों और शिल्पियों …

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पीटर महान् की विदेश नीति का वर्णन कीजिए।

पीटर महान् की विदेश नीति – पीटर महान् आधुनिक रूस का निर्माता एवं महान् कूटनीतिक योद्धा था। यह पश्चिमी की ओर काला सागर व बाल्टिक सागर पर प्रभुत्व स्थापित कर रूस को ‘खुली खिड़की’ दिलाना चाहता था जिससे भूमध्य सागर से समस्त पश्चिमी देशों के रूस का सम्पर्क स्थापित हो सके। उसने कालासागर के उत्तर …

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फ्रांसीसी सीनेट पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

फ्रांसीसी सीनेट – फ्रांस की संसद के ऊपरी सदन को सीनेट कहते हैं। परन्तु यह अमेरिकी सीनेट भांति बिल्कुल नहीं है। यह तो ब्रिटेन के लार्ड सदन से भी कम शक्तिशाली है। इसकी सदस्य संख्या का निर्धारण कानून के द्वारा होता है। इसकी सदस्य संख्या 230 है। इसके सदस्यों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रूप से होता …

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संघर्ष का सिद्धान्त (डेहरनडार्फ) की व्याख्या कीजिए।

संघर्ष का सिद्धान्त – डेहरेनडॉर्फ की मान्यता है कि संघर्ष का बीज प्रत्येक सामाजिक संरचना में सन्निहित होता है एवं समाज का प्रत्येक भाग निरन्तर परिवर्तित हो रहा है। सामाजिक संरचना में परिवर्तन वर्गों के बीच होने वाले संघर्षो के फलस्वरूप होते हैं। डेहरेनडार्फ के अनुसार- “संरचना में होने वाले परिवर्तन के विभिन्न ढंग वर्ग …

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असीरियन व्यापार वाणिज्य पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

असीरियन व्यापार वाणिज्य – असीरिया के निवासी व्यापार वाणिज्य में रूचि नहीं लेते थे तथा वहाँ का श्रीमन्त वर्ग इससे घृणा करता था। कम दाम पर माल खरीद कर उसे अधिक दाम पर बेचना वे अत्यन्त गर्हित कार्य मानते थे। असीरियनों की व्यापार के प्रति इस उदसीनता का लाभ ऐरेमियनों ने उठाया तथा असीरिया का …

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आंगिक कानून के प्रावधान पर टिप्पणी लिखिए।

आंगिक कानून के प्रावधान – फ्रांस के संविधान में आगिक कानून का प्रावधान भी किया गया है। संविधान में अनेक ऐसे प्रावधान हैं जो रूपरेखा के रूप में पाए जाते हैं, और जिनमें विस्तृत व्यवस्था करने का कार्य संसद को सौंप दिया गया है। जिन कानूनों के द्वारा संविधान की व्यवस्थाओं की पूर्ति की जाती …

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प्रबुद्ध निरंकुश शासक के रूप में आस्ट्रिया के जोजेफ द्वितीय के कार्यों का वर्णन कीजिए।

आस्ट्रिया के जोजेफ द्वितीय (1780-1790 ई.) – यूरोप के प्रबुद्ध निरंकुश शासकों में आस्ट्रिया के जोजेफ द्वितीय का दूसरा प्रमुख स्थान है। उसने 1765 ई. में अपनी माता मारिया थेरेसा के साथ संयुक्त रूप से शासन किया परन्तु 1780 ई. में मारिया थेरेसा की मृत्योपरान्त वह सर्वसत्ताधारी शासक बन गया। राजा जोजेफ द्वितीय प्रबुद्ध निरंकुशवाद …

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प्रतिस्पर्द्धा की अवधारणा स्पष्ट कीजिए। इसकी विशेषता एवं स्वरूप की विवेचना कीजिए।

प्रतिस्पर्द्धा की अवधारणा – प्रतिस्पर्द्धा एक विश्वव्यापी असहयोगी सामाजिक प्रक्रिया है जो विरोधी व्यवहार के द्वारा व्यक्तियों को एक दूसरे के उद्देश्यों को पराजित करके अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने का प्रोत्साहन है। प्रतिस्पर्द्धा की प्रक्रिया में ईर्ष्या, द्वेष और कभी-कभी शोषण का भाव भी निहित होने के कारण अधिकतर विद्वान ‘पृथक्करण की प्रक्रिया’ …

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अतिरिक्त मूल्य के सिद्धान्त पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।

अतिरिक्त मूल्य के सिद्धान्त – पूँजीपतियों द्वारा श्रमिकों के शोषण करने की विधि को मार्क्स ने अतिरिक्त मूल्य के सिद्धान्त के आधार पर समझाया है। आपने पूँजीवादी शोषण की ठठरी को सामने लाकर खड़ा कर दिया और यह बताया कि अतिरिक्त मूल्य वास्तव में कहाँ उत्पन्न होता है। मार्क्स के अनुसार अतिरिक्त मूल्य वहीं पैदा …

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