भारतीय संविधान पर संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
प्रस्तावना- हम भारतवासियों ने कई सौ वर्षों तक अंग्रेजों के अत्याचार सहन किए हैं; शोषण सहन किए हैं। कितने ही […]
प्रस्तावना- हम भारतवासियों ने कई सौ वर्षों तक अंग्रेजों के अत्याचार सहन किए हैं; शोषण सहन किए हैं। कितने ही […]
भारतीय संविधान का स्वरूप – डॉ. अम्बेडकर ने संविधान निर्मात्री सभा में संविधान के स्वरूप को संघात्मक बताते हुए कहा
भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त संवैधानिक उपचारों के अधिकार अधिकारों का अस्तित्व उपचारों पर ही निर्भर है। उपचारों के अभाव में
प्रजातन्त्रीय व्यवस्था के नागरिकों को कुछ अधिकार आवश्यक रूप से प्रदान किए जाते हैं, जिन्हें मौलिक अधिकार अथवा मूल अधिकार
भारतीय संविधान की एक महत्वपूर्ण विशेषता संविधान का कठोर एवं लचीला होना है। हमारा संविधान ब्रिटिश संविधान की भाँति न
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, लोकतन्त्रात्मक गणराज्य घोषित किया गया है, जिसका तात्पर्य इस
भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक कर्तव्यों भारत के मूल संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी स्पष्ट रूप
भारतीय संविधान की संशोधन प्रक्रिया यह सही है कि प्रत्येक व्यवस्था को समय-समय पर बदलावों से गुजरना पड़ता है। क्योंकि