प्राचीन भारत में पुरुषार्थ पर एक टिप्पणी लिखिए।
प्राचीन भारत में पुरुषार्थ – प्राचीन हिन्दू शास्त्रकारों ने मनुष्य तथा समाज की उन्नति के निमित्त जिन आदर्शात्मक विधानों को […]
प्राचीन भारत में पुरुषार्थ – प्राचीन हिन्दू शास्त्रकारों ने मनुष्य तथा समाज की उन्नति के निमित्त जिन आदर्शात्मक विधानों को […]
पुरुषार्थ क्या है? पुरुषार्थ उन मानवीय गुणों का समन्वय है जोकि भौतिक सुख एवं आध्यात्मिक उन्नति के मध्य एक सन्तुलन