कर्म

कर्म एवं पुनर्जन्म सिद्धान्त का सारांश लिखिए।

कर्म एवं पुनर्जन्म सिद्धान्त (1) हिन्दू जीवन-दर्शन में कर्म एवं पुनर्जन्म सिद्धान्त एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित हैं। कर्म कारण है तथा पुनर्जन्म उसका परिणाम (2) कर्म का तात्पर्य केवल शरीर द्वारा की गयी बाह्य क्रियाओं से ही नहीं है, बल्कि इसके अन्तर्गत शरीर, मन और वाणी द्वारा किये गये सभी कर्मों को सम्मिलित …

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भारतीय जीवन क्रम में कर्म सिद्धान्त के महत्व को रेखांकित कीजिए।

भारतीय जीवन क्रम में कर्म सिद्धान्त के निम्न लिखित महत्व है। 1. मानसिक सन्तुष्टि के द्वारा व्यक्तित्व का विकास कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धान्त ने प्रत्येक स्थिति में व्यक्ति के मानसिक जीवन को सन्तुलित बनाये रखने में योगदान दिया है। इस सिद्धान्त के कारण ही व्यक्ति सुख-दुःख, सफलता और असफलता, समृद्धता तथा निर्धनता जैसी सभी …

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कर्म के सिद्धान्त का महत्व बताइए।

कर्म के सिद्धान्त का महत्व – भारतीय जीवन पद्धति में कर्म का सिद्धान्त प्रत्येक युग में प्रेरणा का प्रधान स्रोत रहा है। भारतीय समाज जब सम्पन्नता के शिखर पर था तब इस सिद्धान्त से पुरुषार्थ की प्रेरणा देकर व्यक्ति को विकास के अवसर प्रदान किये और बाद में हमारा समाज जब विदेशी शक्तियों से अक्रान्त …

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कर्म के सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।

कर्म के सिद्धांत – हिन्दू जीवन-दर्शन में वेदों से लेकर स्मृतियों तक में कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धान्त का व्यापक उल्लेख मिलता है। इस सिद्धान्त को स्पष्ट करने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि कर्म तथा पुनर्जन्म दो पृथक सिद्धान्त नहीं हैं बल्कि इनके बीच वही सम्बन्ध है जो एक बीज तथा उससे …

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