आश्रम व्यवस्था पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

आश्रम व्यवस्था- आश्रम का अर्थ है श्रम करने के बाद विश्राम करना। ऋग्वैदिक काल में एक हिन्दू के जीवन को चार भागों में बाँटकर उसे अलग-अलग आश्रमों से जोड़ा गया। जोबालोपनिषद् में सर्वप्रथम चारों आश्रमों का एक साथ उल्लेख मिलता है जिनका विवरण निम्नवत् हैं (1) ब्रह्मचर्य आश्रम (25 वर्ष तक) ब्रह्मचर्य आश्रम विद्याध्ययन का …

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