अरस्तू द्वारा दासता के समर्थन की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
अरस्तू द्वारा दासता के समर्थन – दासता अपने विचार व्यक्त करते हुए अरस्तू ने कहा है कि “दास वह व्यक्ति है जो प्रकृति से अपना नहीं, किसी दूसरे का है, इसलिए उस पर मालिक उसी प्रकार शासन करता है, जैसे आत्मा शरीर पर और विवेक तृष्णा पर।” दास प्रथा को अरस्तू उचित बताता है। क्योंकि …
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