समाजशास्त्र में अन्तर सांस्कृतिक उपागम से क्या अभिप्राय है?

समाजशास्त्र में अन्तर सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य का तात्पर्य है विभिन्न संस्कृतियों के बीच परस्पर समन्वयात्मक दृष्टिकोण विकसित करना। विभिन्न सभ्यताओं व सभाओं की अलग-अलग संस्कृति होती है तथा उन सभी में आपस में एक सामंजस्य उत्पन्न करने के लिए उनमें एक समझदारी व साझेदारी विकसित होती है। इसे ही अन्तर-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य कहते हैं। अनेक संस्कृतियों के …

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