तानाशाही के विरुद्ध संघर्ष को लोग आवश्यक क्यों मानते हैं?

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तानाशाही के विरुद्ध संघर्ष – तानाशाही में शासक अथवा राजा ही सर्वोच्च होता है। वह सेना तथा अन्य बड़े अफसरों की सहायता से शासन कार्य चलाता है, किन्तु उस पर सामान्यतः कोई अंकुश नहीं होता है। शासक ही अन्तिम रूप से कानून का निर्माण करने वाला होता है। इस प्रकार की शासन व्यवस्था में शासक पर कोई कानून लागू नहीं होता। तानाशाह शासकों ने केवल राजभक्त सामन्तों की नियुक्तियों की ऐसा समझा जाता था कि राजा और जनता के बीच एक मूक समझौता है, जिसके आधार पर राजा अपनी शक्ति का प्रयोग करता है।

मार्टिन लूथर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

ऐसी स्थिति में राजा पर किसी प्रकार अंकुश नहीं होता है, क्योंकि समस्त निर्णयों का स्वामित्व राजा में निहित होता है चाहे वह गलत कार्य करें या सही। ऐसी स्थिति में आम जनता अच्छे और बुरे कार्य को सहन करती है। इसलिए जनता तानाशाही के विरुद्ध संघर्ष को आवश्यक मानती है, जिससे सुचारू रूप से न्यायिक व्यवस्था स्थापित हो सके।

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