स्विस संघीय सर्वोच्च न्यायालय का वर्णन कीजिए।

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स्विस संघीय सर्वोच्च न्यायालय – नवीन संविधान द्वारा संघीय सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना- 1948 में निर्मित संविधान जो 1998 तक लागू था, उसके द्वारा न्यायिक क्षेत्र में ‘संघीय न्यायाधिकरण’ (Federal Tribunal) की स्थापना की गयी थी, लेकिन वर्तमान संविधान के द्वारा ‘संघीय न्यायाधिकारण’ के स्थान पर ‘संघीय सर्वोच्च न्यायालय’ तथा अन्य न्यायिक सत्ताओं की स्थापना की गयी है। संविधान के अनुच्छेद 188 से 191C तक में इन न्यायिक सत्ताओं की रचना तथा क्षेत्राधिकार का उल्लेख किया गया है।

संघीय सर्वोच्च न्यायालय की स्थिति

अनुच्छेद 188 में इस सम्बन्ध में निम्न तीन बातें कही गयी है-

  1. संघीय सर्वोच्च न्यायालय संघ की सर्वोच्च न्यायिक होता है।
  2. इसका गठन और इसकी प्रक्रिया ‘कानून’ (संघीय संसद द्वारा निर्मित किये जाने वाले कानून) से निर्धारित होगी।
  3. संघीय सर्वोच्च न्यायालय अपने प्रशासन की स्वयं ही व्यवस्था करेगा।

रचना (Composition)

संविधान के अनुच्छेद 188 में कहा गया है कि संघीय सर्वोच्च न्यायालय की रचना संघीय संसद द्वारा कानून के आधार पर निर्धारित की जायेगी। अतः संघीय सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या आदि बातें संघीय संसद द्वारा निश्चित की जायेंगी। संविधान में केवल यह कहा गया है कि संघीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को संघीय संसद द्वारा निर्वाचित किया जायेगा। स्विस न्यायालयों में नियमित न्यायाधीशों के साथ ‘वैकल्पिक न्यायाधीश’ (Alternate Judges) भी होते हैं। नियमित न्यायाधीश द्वारा अपना कार्य करने में असमर्थ होने की स्थिति में उनके स्थान पर वैकल्पिक न्यायाधीश द्वारा कार्य किया जाता है। इन सभी न्यायाधीशों को संघीय संसद 6 वर्ष के लिए निर्वाचित करती है। न्यायाधीशों के पुनः निर्वाचन पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है और परम्परा के अनुसार न्यायाधीश जब तक इस पर पर कार्य करना चाहें, पुनर्निर्वाचित होते रहते हैं। इस सम्बन्ध में कोई आयु सम्बन्धी प्रतिबन्ध तो नहीं है, लेकिन व्यवहार में न्यायाधीश उस वर्ष त्यागपत्र दे देते हैं जिस वर्ष उनकी आयु 70 वर्ष हो जाती है। इस पुनर्निर्वाचन के आधार पर न्यायाधीशों के निरन्तर अनुभव से लाभ उठाया जा सकता है। सामान्यतया ऐसा समझा जाता है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति हेतु निर्वाचन की पद्धति को अपनाने से न्यायिक स्वतंत्रता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और वे राजनीतिक प्रभाव में कार्य करते हैं, लेकिन स्विट्जरलैण्ड में पुनर्निर्वाचन की परम्परा अपनाये जाने के कारण यह आशंका लगभग समाप्त हो गयी है। संघीय सर्वोच्च न्यायालय का एक प्रधान तथा एक उपप्रधान होता है. जिनका निर्वाचन संघीय द्वारा दो वर्ष की अवधि

योग्यताएँ (Qualifications)

संविधान में न्यायाधीशों की योग्यता के सम्बन्ध में कोई उल्लेख नहीं है। संविधान में केवल यह कहा गया है कि कोई भी स्विस नागरिक जो प्रतिनिधि सभा (संघीय संसद का प्रथम सदन) का सदस्य बनने की योग्यता रखता हो, संघीय न्यायालय का न्यायाधीश निर्वाचित हो सकता है, केवल यह प्रतिबन्ध है कि संघीय संसद या संघीय सरकार के सदस्य या उनके द्वारा नियुक्त पदाधिकारी इन पदों पर निर्वाचित नहीं हो सकते। यद्यपि न्यायाधीश के पद के लिए कानूनी योग्यता निर्धारित नहीं की गयी है, किन्तु व्यवहार में न्याय सम्बन्धी ज्ञान और अनुभव रखने वाले व्यक्ति ही इस पद पर निर्वाचित होते रहते हैं। एक विधि के अनुसार ये नितम्बन्धी न्यायालय में एक साथ सदस्य नहीं हो सकते हैं। एक परम्परा यह भी स्थापित हो गयी है कि मुख्य राजनीतिक दलों एवं प्रोटेस्टेण्ट तथा कैथोलिक धर्मों तथा तीनों मुख्य भाषाओंके प्रतिनिधियों को न्यायालय में स्थान दिया जाता है।

वेतन आदि (Salary etc.)

संघीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश का वेतन और भत्ते आदि संघीय संसद द्वारा निर्धारित किये जायेंगे। वैकल्पिक न्यायाधीशों को कोई नियमित वेतन नहीं मिलता, वरन् उन्हें सेवाकाल के दिनों में भत्ता मिलता है। न्यायाधीशों के लिए पेंशन की व्यवस्था भी गयी है, पेंशन की मात्रा और शर्तें संघीय संसद द्वारा तय की जायेंगी।

संघीय सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य स्थान वॉड कैप्टन की राजधानी लासेन नगर है। सभी न्यायाधीशों को वहीं रहना होता है, परन्तु राजनीतिक और नागरिक अधिकार उन्हें उस कैण्टन से प्राप्त होते हैं, जिसके वे निवासी हैं। संघीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपने पद पर रहते हुए न तो संघीय सरकार या कैण्टनों की सरकारों के अधीन कोई नौकरी कर सकते हैं | और न किसी निजी व्यवसाय या उद्योग का संचालन कर सकते हैं।

क्षेत्राधिकार (Jurisdiction)

अनुच्छेद 189 में संघीय सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार का उल्लेख किया गया है। संघीय सर्वोच्च न्यायालय को निम्नांकित के उल्लंघन पर क्षेत्राधिकार प्राप्त होगा-

  1. संघीय कानून।
  2. सार्वजनिक अन्तर्राष्ट्रीय कानून।
  3. कैण्टनों के आपसी सम्बन्धों से सम्बन्धित कानून।
  4. कैण्टनों के संवैधानिक अधिकार।
  5. म्युनिसिपैलिटीज की स्वायत्तता और कैण्टनों द्वारा सार्वजनिक निगमनात्मक संस्थाओं को प्रदत्त गारण्टियाँ,
  6. संघीय और कैण्टनों के प्रावधान और राजनीतिक अधिकार।

राज्यमण्डल और कैण्टनों के बीच विवाद

राज्यमण्डल और कैण्टनों के दाच तथा कैण्टनों में परस्पर उत्पन्न होने वाले सार्वजनिक कानून से सम्बन्धित विवाद ।

अनुच्छेद 189 के उपर्युक्त प्रावधान का आशय यह है कि अनुच्छेद 189 में वर्णित उपर्युक्त 6 स्थितियों के सम्बन्ध में जो विवाद उत्पन्न होंगे, उन विवादों की सुनवाई संघीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ही की जायेगी।

कानून के आधार पर संघीय सर्वोच्च न्यायालय को अन्य बातों के सम्बन्ध में क्षेत्राधिकार प्रदान किया जा सकता है। लेकिन संघीय सर्वोच्च न्यायालय पर एक स्पष्ट प्रतिबन्ध है। संघीय संसद द्वारा निर्मित कानूनों और संघीय शासन के आदेशों को संघीय सर्वोच्च न्यायालय के सम्मुख चुनौती नहीं दी जा सकती। कानून के आधार पर इस स्थिति के अपवाद निश्चित किये जा सकते हैं।

संविधान संशोधन की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए अमेरिकी संविधान में हुए संशोधनों पर प्रकाश डालिए।

संघीय सर्वोच्च न्यायालय और अन्य न्यायिक सत्ताएँ कानून और अन्तर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर अपने निर्णय देंगी।

आंशिक न्यायिक पुनर्विलोकन की व्यवस्था (Provision for Partial Judicial Review)

संवैधानिक अधिकार क्षेत्र में एक विशेष बात यह है कि अमेरिकी संघ के सर्वोच्च न्यायालय के समान स्विस संघीय सर्वोच्च न्यायालय को पूर्ण अर्थों में न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति प्राप्त नहीं है, वरन् उसे यह शक्ति आंशिक रूप से ही प्राप्त है। संघीय सर्वोच्च न्यायालय कैण्टनों की विधियों और कैण्टनों की सरकारों के कार्यों की इस आधार पर जाँच कर सकता है। कि वे संविधान के प्रतिकूल समझे तो अवैध घोषित कर सकता है, लेकिन इसे संघीय क्षेत्र में न्यायिक पुनर्विलोकन का अधिकार प्राप्त नहीं है अर्थात् वह संघीय संसद द्वारा निर्मित कानूनों को असंवैधानिक घोषित नहीं कर सकता। यह बात संविधान के अनुच्छेद 189 (4) से नितान्त स्पष्ट है, जिसमें कहा गया है कि “संघीय संसद द्वारा निर्मित कानूनों और संघीय शासन के आश को संघीय सर्वोच्च न्यायालय के सम्मुख चुनौती नहीं दी जा सकती। कानून के आधार पर इस स्थिति के अपवाद निश्चित किये जा सकते हैं।”

स्विट्जरलैण्ड में न्यायिक पुनर्विलोकन न होने की कुछ पक्षों द्वारा आलोचना की गयी है। उदाहरणार्थ- डायसी इसे ‘संविधान निर्माताओं की विफलता और संवैधानिक त्रुटि’ बताते हैं, लेकिन वास्तव में यह धारणा त्रुटिपूर्ण है। स्विस नागरिक अत्यधिक प्रजातंत्रवादी हैं और वे जन इच्छाओं पर कोई प्रतिबन्ध स्वीकार नहीं करते। इसी कारण उनके द्वारा न्यायिक पुनर्विलोकन को नहीं अपनाया गया है। हेन्स हूबर ने उचित रूप में लिखा है कि “समष्टि रूप से स्विट्जरलैण्ड के लोग लोकतंत्र अर्थात जनता की इच्छा के पालन को संवैधानिक अर्थात् संविधान की इच्छा के पालन से उच्च स्थान प्रदान करते हैं।”

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