सुमेरियन चित्रकला – चित्रकला उसी समय अक्कड़ में लगभग समान रूप से भव्य मन्दिरों का निर्माण हुआ। इसकी भीतरीदीवारों पर सफेदी चढ़ाकर लाल, काले और नारंगी रंगों से भित्ति चित्र रंगे गये हैं। चित्रों में चीते और साँड़ चित्रित थे। एक द्वार के चौखट पर लहँगे पहने हुए चित्र चित्रित हैं। उनकी चित्रकला का उदाहरण मिट्टी के बर्तनों पर भी मिलता है। जो पाव कर्मकाण्ड के लिए बनाए जाते थे उन पर जयामितिक चिन्ह, पक्षियों, जन्तुओं और अन्य प्रतीक बनाये जाते थे।
सुमेरियन सभ्यता की सामाजिक व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
मृद्भाण्डों के अतिरिक्त चित्रकला या उत्कीर्ण चित्रकला (तमसर्पा तज) के उदाहरण सुमेरियन मुद्राओं पर भी प्राप्त होता है। मुद्राओं के चित्र पौराणिक कथाओं से भी सम्बन्धित हैं। स्वर्णकार एवं कर्मकार धातुओं पर सुन्दर पच्चीकारी करते थे। उस से प्राप्त सोने के मुकुट की पच्चीकारी अद्भुत हैं और स्वर्णकारों की कलात्मक बुद्धि का परिचायक है। उस के शाही मकबरे पर नर-वृषभ, नर-मुर्गे आदि का चित्र भव्य है। इरेक के स्तम्भ पर सिंह के शिकार का दृश्य है।