स्त्रियों की शिक्षा में व्यापक परिवर्तन लाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (1986) में क्या संकल्पनाएँ की गयी हैं?

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स्त्रियों की शिक्षा में व्यापक परिवर्तन

स्त्रियों की शिक्षा में व्यापक परिवर्तन नयी शिक्षा नीति 1986 में शिक्षा को स्त्रियों के स्तर (Status) में मूलभूत परिवर्तन लाने के साधन के रूप में प्रयोग करने की संकल्पना की गयी है। शिक्षा ही उनके स्तर को ऊपर उठाने में सहायक हो सकती है। शिक्षा नीति में निम्नलिखित बातें सम्मिलित हैं

  1. पुनर्रचित पाठ्यक्रमों व पाठ्य-पुस्तकों, अध्यापकों, नीति निर्धारकों व प्रशासकों के प्रशिक्षण व पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों तथा शिक्षा संस्थाओं की सक्रिय सहभागिता के द्वारा नये मूल्यों के विकास को बढ़ावा दिया जायेगा।
  2. विभिन्न पाठ्यक्रमों के अंग के रूप में सी-अध्ययनों (Women Studies) को बढ़ावा दिया जायेगा।
  3. शिक्षा संस्थाओं को स्त्री विकास (Women Development) के कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।
  4. स्त्री साक्षरता तथा प्राथमिक शिक्षा तक उनकी पहुँच तथा उसमें बने रहने के मार्ग की बाधाओं के निराकरण से संबंधित प्रयासों को प्राथमिकता दी जायेगी।
  5. विभिन्न स्तरों की व्यावसायिक, तकनीकी व वृतिक शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी पर विशेष बल दिया जायेगा।
  6. यौन विभेद न करने की नीति को बढ़ावा दिया जायेगा जिससे व्यावसायिक व वृत्तिक पाठ्यक्रमों से यौन प्रधानता (Sex Stero and Typing) को समाप्त किया जा सके तथा परंपरागत रोजगारों के साथ-साथ वर्तमान में विकसित हो रही तकनीकी में त्रियों को बढ़ावा दिया जायेगा।

उपभोक्तावाद की उपयोगिता बताइये।

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