स्थानन सेवा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

स्थानन सेवा का अर्थ एवं परिभाषा

मुख्य रूप से ‘स्थानन सेवा’ से हमारा तात्पर्य है कि व्यक्ति की उसकी योग्यता एवं व्यक्तित्व सम्बन्धी गुणों के अनुसार उचित स्थान पर नियुक्ति कराई जाय जिससे वह सफलापूर्वक समायोजित हो सके। आज सारे विश्वविद्यालयों में इस सेवा के अभाव के कारण हम बहुत-से छात्रों का विषय अथवा व्यवसायों में नियुक्ति स्थानों को बदलते पाते है।

हुए एण्डू और विली ने स्थानन सेवा के सम्बन्ध में कहा है- ‘स्थानन सेवा उन सभी क्रियाओं की ओर संकेत करती है जो छात्र के किसी जीविका में या शैक्षिक प्रशिक्षण में प्रवेश के समय सहायतार्थ की जाती है जिससे वह इनमें पर्याप्त समायोजन स्थापित कर सकें।

क्लिफोर्ड पी० फोक्लिच ने भी स्थानन सेवाओं के सम्बन्ध में विचार प्रकट किये हैं ‘स्थानन सेवा का सम्बन्ध छात्रों के नवीन पद को ग्रहण करने में उनकी सहायता करने से है। इस प्रकार की स्थानन सेवाएँ जीविकाओं के ढूंढने या विद्यालय की पाठ्यातिरेक क्रियाओं में उचित स्थान प्राप्त करने में छात्रों की सहायता करती है।’

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यद्यपि नियुक्ति का परामर्श से घनिष्ठ सम्बन्ध है तो भी वह परामर्श से भिन्न है। परामर्श के द्वारा छात्रों को भावी योजना निर्माण में सहायता दी जाती है। परन्तु स्थानन सेवा छात्रों को अपनी योजनाओं को कार्यान्वित करने में सहायता करती है। यह आवश्यक नहीं है कि एक ही व्यक्ति परामर्श एवं नियुक्ति सेवा सम्बन्धी कार्य सन्तोषजनक ढंग से कर सके। परन्तु यह आवश्यक है कि इन दोनों सेवाओं के विशेषज्ञों को परस्पर सहयोग से कार्य करना चाहिए।

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