स्पेनी उत्तराधिकारी युद्ध का महत्व बताइए।

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स्पेनी उत्तराधिकारी युद्ध का महत्व – स्पेन का शासक था और दो बहनों में से मेरिया थेरजा का विवाह लुई चौदहवें के साथ और मारग्रेट थिरेजा का हि बवेरिया के शासक मैक्समिलियन के साथ हुआ था। सम्राट लियोपोल्ड का पुत्र भी अपना अधिकार मांग रहा था। इस प्रकार स्पेनी साम्राज्य पर अधिकार प्राप्त करने के अनेक दावेदार थे। शान्तिपूर्ण हल न निकलने की स्थिति में विभाजन की बात सामने आई विभाजन से रूष्ट होकर चार्ल्स द्वितीय ने अन्तिम समय में वसीयत लुई चौदहवें के पौत्र फिलिप के पक्ष में कर दी और सुई ने फिलिया को स्पेनी साम्राज्य का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया इस उत्तराधिकार का इंग्लैण्ड, अस्ट्रिया व अन्य देशों ने विरोध करते हुए 1702 में युद्ध प्रारम्भ कर दिया जो 12 वर्षों तक चला। 1713 ई. की यूटेट सन्धि के अनुसार यद्यपि फिलिप को स्पेन और उसके उपनिवेशों का शासक माना गया लेकिन उसे यह प्रदेश फ्रांस में मिलाने की अनुमति नहीं दी गई मिलान, साडीनिया, नेपल्स, आस्ट्रिया को तथा न्यूफाउण्डलैंड, नोवास्कोशिया और हडसन की खाड़ी के प्रदेश स्पेन से जिब्राल्ट आदि द्वीप प्राप्त हुए फ्रांस को सेवाय और सिसली का टापू दिया गया। इतिहासकार क्षेचर ने इस सन्धि की महत्ता निम्न शब्दों में व्यक्त की है- “इस सन्धि से यूरोप में एक नये युग का प्रादुर्भाव हुआ।”

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