Medieval History

सिंहासन प्राप्त होने के पश्चात चार्ल्स पंचम को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ा था?

सिंहासन प्राप्त होने के पश्चात चार्ल्स पंचम की समस्याये – स्पेन के शासक चार्ल्स पंचम को उत्तराधिकारी के रूप में एक विस्तृत उत्तर साम्राज्य मिल तो गया था किन्तु यह विशाल साम्राज्य कांटों की सेज से कम नहीं था। चार्ल्स पंचम को जितना विशाल साम्राज्य प्राप्त हुआ था उतना ही उत्तरदायित्व भी बढ़ गया था। उसका विशाल साम्राज्य की उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनौती थी। उसके विशाल साम्राज्य की विस्तृत सीमाएं एवं प्रादेशिक भिन्नता उसकी प्रमुख समस्या थी। वास्तव में चार्ल्स पंचम का साम्राज्य तो एक राज्यवंशीय साम्राज्य था जो कि अनेक राज्यों व प्रदेशों का सुसम्बद्ध समूह था। इतिहासकार ‘हेज’ के शब्दों में, इससे प्राचीन समय के रोमन साम्राज्य या पश्चात के रूसी साम्राज्य के सदृश एक केन्द्रीय सरकार नहीं थी, अपितु यह वैवाहिक सम्बन्धों के कारण एक विशेष राजवंश हैप्सवर्ग राजवंश के अधीन अनेक राज्यों व प्रदेशों का असम्बद्ध समूह था। प्रत्येक प्रान्त की अलग एवं स्वतंत्र शासन व्यवस्था थी।

यह ठीक है कि जर्मनी में नाममात्र की केन्द्रीय व्यवस्था की परन्तु स्पेन, नीदरलैण्ड एवं इटैलियन राज्यों में तो यह नाममात्र के लिए भी नहीं थी। जहां एक ओर नीदरलैण्ड में आने वाले सभी प्रान्त अपना-अपना अलग अस्तित्व एवं स्वतंत्रता रखते थे वहीं दूसरी ओर स्पेनिश साम्राज्य में भी विभिन्न प्रान्तों की शासन व्यवस्था अलग-अलग थी। स्पेनी एवं इटैलियन वर्गीयता जहां उसके लिए गम्भीर चुनौती थी तो पवित्र रोमन साम्राज्य होने के नाते उसका उत्तरदायित्व अत्यधिक बढ़ गया था।

बलबन के प्रारम्भिक जीवन के विषय में आप क्या जानते हैं? बलवन की प्रारम्भिक कठिनाइयों और उसके समाधान की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।

हेज ने इस समस्या को ब्राह्मा अडम्बर की संज्ञा दी है। जर्मनी में तीव्रगति से फैलने वाला धर्म-सुधार आंदोलन चार्ल्स के सम्मुख एक गंभीर चुनौती था। इस प्रकार आन्तरिक क्षेत्र में चार्ल्स पंचम को आर्थिक, राजनीतिक एवं धार्मिक समस्याओं का सामना करना पड़ा जो कि अत्यधिक उलझी हुई थी।

About the author

pppatel407@gmail.com

Leave a Comment