श्रमिक दल (लेबर पार्टी) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।

श्रमिक दल – इंग्लैण्ड में 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में सुधार अधिनियमों तथा अन्य सुविधाओं के परिणामस्वरूप जैसे-जैसे श्रमिकों में राजनीतिक चेतना की हिलोरें उठीं, उन्होंने अनुभव किया कि उदार और अनुदार दोनों ही दल उनका प्रतिनिधित्व नहीं करते। श्रमिक ऐसे दल की अनिवार्यता अनुभव करने लगे थे, जो उनका अपना हो जो यथास्थिति को तोड़कर एक ऐसी व्यवस्था की स्थापना कर सके जिनमें श्रमिकों का शोषण न हो। अतः 1900 में एक श्रमिक प्रतिनिधित्व समिति की स्थापना की गई 1906 में इसी ने श्रमिक दल का नाम धारण किया। 1923 के निर्वाचन में दल को 191 स्थान प्राप्त हुए थे। द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति पर 1945 में ब्रिटेन में जब चुनाव हुए तब चर्चिल का अनुदार दल अपने विरोधी श्रमिक दल से हार गया।

सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न एवं लोकतांत्रिक गणराज्य” भारतीय संविधान की विशेषता है।

श्रमिक दल की नीति और कार्यक्रम

श्रमिक दल सुधारवादी है, साम्यवादी या क्रान्तिकारी नहीं। ब्रिटिश समाजवादी दल यूरोप के समाजवादी दलों में सबसे महान है। फिर भी यह मार्क्सवाद के सिद्धान्त का खण्डन करता है। वह श्रमिकों की मलाई अवश्य चाहता है, परन्तु वर्ग संघर्ष में विश्वास नहीं करता। वह पूँजीवाद को समाप्त करना अवश्य चाहता है, परन्तु पूँजीपतियाँ की हत्या में उसकी आस्था नहीं है। यह समाजवादी है, साथ ही प्रजातांत्रिक भी।

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