शिक्षा द्वारा संवैधानिक मूल्यों के उपदेश
संविधान में विश्वास रखने वाले व्यक्ति के जीवन-दर्शन में निम्न गुणों का समावेश
1. व्यक्ति का आदर
हर व्यक्ति सृष्टि की एक पवित्र तथा अमूल्य निधि है। दूसरे शब्दों में, हर व्यक्ति समाज का अभिन्न अंग है इसलिए हर व्यक्ति को एक-दूसरे का आदर करना चाहिए। इस दृष्टि से किसी व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के विकास में बाधा नहीं डालनी चाहिए बल्कि समस्त समाज को व्यक्ति के विकास में पूर्ण सहयोग प्रदान करना अत्यन्त जरूरी है।
2. सहनशीलता
संविधान में विश्वास करने वाले व्यक्ति को सहनशील होना अत्यन्त जरूरी है उसे यह कदापि नहीं सोचना चाहिए कि मैं जो कुछ कर रहा हूँ बस वही ठीक है और सब गलत है अथवा जो व्यक्ति उसके मत का आदर नहीं करते वे मूर्ख हैं। दूसरे शब्दों में, संवैधानिक नहीं, ऐसी व्यवस्था में हर व्यक्ति को अपने विचारों को उस समय भी व्यक्त करने की आजादी होती है, जबकि दूसरे व्यक्ति उसके विचारों से सहमत न हो इस प्रकार ‘जीओ और जीने दो’ संवैधानिक व्यवस्था का अमूल्य गुण है।
3. बदलाव में विश्वास
का तीसरा गुण है-बदलाव। अतः संविधान में विश्वास करने वाला व्यक्ति बदलाव में विश्वास करता है। वह किसी बात को आँख मींचकर नहीं मानता बल्कि नये-नये सत्य की खोज में निरंतर जुटा रहता है। जैसे-जैसे नवीन सत्यों एवं मूल्यों में बदलाव होता जाता है वैसे-वैसे वह भी इन बदलावों के साथ अनुकूलन करता जाता है।
4. समझाने बुझाने के द्वारा परिवर्तन
संविधान में विश्वास रखने का यह आशय नहीं है कि परिवर्तन को दूसरे व्यक्तियों पर बलपूर्वक थोपा जाये। संवैधानिक व्यवस्था में हर परिवर्तन को परस्पर विचार-विनिमय द्वारा अथवा लोगों को समझा-बुझाकर पूर्ण रूप से संतुष्ट करने के बाद सर्व सम्मति से लाया जाता है।
5. सेवा संविधान का मूलमंत्र है-
व्यक्ति समाज हेतु तथा समाज व्यक्ति हेतु इस दृष्टि से संविधान की जड़ को मजबूत करने हेतु व्यक्ति में सेवा की भावना होना जरूरी है। समाज के हर व्यक्ति को अपनी इच्छा से अपने जीवन को जनता जनार्दन की सेवा हेतु अर्पित कर देना चाहिए। इससे चारों ओर प्रतिस्पर्धा के स्थान पर सहयोग की भावना विकसित होगी जिसके फलस्वरूप समाज की उन्नति के साथ-साथ व्यक्ति भी उन्नति की ओर अग्रसर होता रहेगा। इस सन्दर्भ में रायबर्न ने लिखा है-“संविधान ऐसी व्यवस्था है जिसमें समाज के सारे व्यक्ति साथ-साथ रहते हैं। प्रत्येक व्यक्ति समाज की तथा समाज प्रत्येक व्यक्ति की अधिक-से-अधिक सेवा करता है।”
धार्मिक बहुलताबाद पर एक निबंध लिखिए।
6. व्यक्तिगत तथा सामाजिक उन्नति
संविधान में विश्वास रखने वाला व्यक्ति व्यक्तिगत तथा सामाजिक उन्नति में विश्वास रखता है इसलिए संवैधानिक समाज में व्यक्ति समाज की तथा समाज व्यक्ति की उन्नति हेतु कोशिश में लगा रहता है। सच्चा संविधान वही माना जा सकता है। जिसके द्वारा की गई व्यवस्था में व्यक्ति और समाज दोनों ही उन्नति के पथ पर अग्रसर रहें। दूसरे शब्दों में, समाज व्यक्ति की भलाई के हेतु अवसर प्रदान करे तथा व्यक्ति समाज की तन, मन और धन से सेवा करे।
- InCar (2023) Hindi Movie Download Free 480p, 720p, 1080p, 4K
- Selfie Full Movie Free Download 480p, 720p, 1080p, 4K
- Bhediya Movie Download FilmyZilla 720p, 480p Watch Free
- Pathan Movie Download [4K, HD, 1080p 480p, 720p]
- Badhaai Do Movie Download Filmyzilla 480p, 720p, 1080, 4K HD, 300 MB Telegram Link
- 7Movierulz 2023 HD Movies Download & Watch Bollywood, Telugu, Hollywood, Kannada Movies Free Watch
- नारी और फैशन पर संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- बेबीलोन के प्रारम्भिक समाज को समझाइये |
- रजिया के उत्थान व पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।