संविधानवाद का अर्थ एवं परिभाषा ।

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संविधानवाद का अर्थ- संविधान की एक निश्चित परिभाषा नहीं दी जा सकती है। संविधानवाद उन मान्यताओं, आस्थाओं तथा मानव मूल्यों का नाम है, जिनका संविधान में वर्णन तथा समर्थन होता है और जिनकी उपलब्धि तथा सुरक्षा हेतु राजनीतिक शक्ति पर प्रभावशाली नियंत्रणों एवं प्रतिबन्धों की व्यवस्था होती है। पिनॉक तथा स्मिथ के शब्दों में, “संविधानवाद केवल प्रक्रियाओं और तथ्यों का ही मामला नहीं है, वरन् राजनीतिक शक्तियों के संगठन का प्रभावशाली नियंत्रण एवं प्रतिनिधित्व तथा प्राचीन परम्पराओं और भाषी आशाओं का प्रतीक भी है।”

संविधानवाद का मूल अर्थ यही है कि शासन संविधान में लिखित नियमों तथा विधियों के अनुसार संचालित हो तथा उस पर प्रभावशाली नियंत्रण स्थापित रहे, जिससे वे मूल्य एवं राजनीतिक आदर्श सुरक्षित रहे, जिनके लिए समाज राज्य के बन्धनों को स्वीकार करता है। कार्ल फ्रेडरिक के अनुसार, “व्यवस्थित परिवर्तन की जटिल प्रक्रियात्मक व्यवस्था ही संविधानवाद है।” इस परिवर्तन को सरकार तथा नागरिक ही संभव बनाते हैं।

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