संविधान सभा के निर्माण पर टिपणी लिखिए।

संविधान सभा का निर्माण

संविधान सभा का निर्माण – द्वितीय महायुद्ध के बाद ब्रिटेन में श्रमिक दल को सरकार सत्ताशीन हुई। इस सरकार ने भारत की समस्या का सुलझाने के लिए कैबिनेट मिशन की नियुक्ति की जो 24 मार्च, 1946 को दिल्ली आया। 16 मई, 1946 को दिए गए संयुक्त वक्तव्य में लार्ड वेवल और मिशन ने संविधान निर्माणी तंत्र का स्पष्ट उल्लेख किया जो ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थान किया जाना था संविधान सभा की निर्धारित संख्या 389 होनी थी। इन सदस्यों में 296 ब्रिटिश भारत के “गवर्नर पांतों से चुने जाने थे और देशी राजयों से 93 प्रतिनिधि लिए जाने थे। इस योजना में भी त्रुटियां थीं, लेकिन कैबिनेट मिशन योजना ने संविधान सभा की व्यवस्था करने का प्रस्ताव कर लिया था। इसमें उस अपने हित दृष्टिगोचर हो रहे थे।

आतंकवाद

अन्य छोटे दलों और हितों ने भी इस योजना को स्वीकार कर लिया। संविधान सभा के लिए निर्वाचित सदस्यों में विभिन्न दलों के प्रमुख नेता सम्मिलित थे। प्रमुख रूप से पं जवाहर लाल नेहरू, जगजीवन राम, जिन्ना, पटेल, डॉ. अम्बेडकर, हंसा मेहता, महाराजा दरभंगा, श्याम प्रसाद मुखर्जी, फ्रेक ऍंटनी आदि थे।

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