संविधान का महत्ता क्या हैं?

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संविधान का महत्ता- संविधान जीवन का वह मार्ग है जिसे राज्य ने अपने लिए चुना है। राज्य का रूप चाहे किसी भी प्रकार का हो, आवश्यक रूप से उसका एक जीवनमार्ग अर्थात् संविधान होता है। यह बात न केवल लोकतन्त्रात्मक वरन् निरंकुश राज्यों के सम्बन्ध में। ‘मी पूर्ण सत्य है और इतिहास के आधार पर इसकी पुष्टि की जा सकती है। लोकतन्त्र की स्थापना से पूर्व फ्रांस में बव वंश के निरंकुश व स्वेच्छाचारी राजाओं का शासन था।

ये शासक अपनी इच्छा को ही कानून समझते थे, किन्तु इनके शासन में भी फ्रांस में एक प्रकार के संविधान की सत्ता विद्यमान थी और कतिपय ऐसे कानून थे जिनका उल्लंघन शासक के द्वारा भी नहीं किया जा सकता था।

प्राचीन आश्रम व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।

वास्तव में संविधान शासन की पद्धति है जिसके बिना राज्य की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। जैलीनेक के शब्दों में, “संविधानहीन राज्य की कल्पना ही नहीं की जा सकती। संविधान के अभाव में राज्य, राज्य न होकर एक प्रकार की अराजकता होगी।”

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