Sociology

संस्कृति प्रतिमान से आप क्या समझते हैं?

संस्कृति प्रतिमान

संस्कृति प्रतिमान की अवधारणा का प्रतिपादन बेनेडिक्ट ने किया है। उन्होंने संस्कृति के प्रतिमान की अवधारणा के अन्तर्गत संस्कृति की मूलभूत प्रेरणाओं और आदर्शों का अध्ययन किया है, जो कि संस्कृति को एक विशेष दिशा एवं स्वरूप देते हैं। उन्होंने संस्कृति- प्रतिमान की अवधारणाओं का उल्लेख तीन संस्कृति प्यूबलों, डूबों और क्यकिडट्स के अध्ययन के दौरान किया है। जिस प्रकार घर में विभिन्न वस्तुएँ सुसज्जित रहती है, ठीक उसी प्रकार से संस्कृति संकुल जब एक विशेष ढंग से व्यवस्थित हो जाते हैं, तो संस्कृति प्रतिमान का निर्माण करते हैं। हरस्कोविटस ने इसे परिभाषित करते हुए लिखा है, “संस्कृति प्रतिमान एक संस्कृति के तत्त्वों का वह डिजाइन है जो कि उस समाज के सदस्यों के व्यक्तिगत व्यवहार प्रतिमान के माध्यम से व्यक्त होता है, जीवन के इन तरीकों को सम्बद्धता निरंतरता एवं विशिष्टता प्रदान करते हैं।”

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