समूह निर्देशन के प्रकार एवं क्षेत्र क्या है?

समूह निर्देशन के प्रकार

समूह निर्देशन की व्यवस्था, विद्यालय अथवा शैक्षिक संस्थानों में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के समूहों में की जा सकती है। हमारे देश की परिस्थितियों के सन्दर्भ में समूह निर्देशन की व्यवस्था, निम्नलिखित परिस्थितियों में की जा सकती है।

  1. विद्यालय की सामान्य स.ओं के अन्तर्गत
  2. अनिवार्य पाठ्यक्रमों की कक्षाओं के अन्तर्गत
  3. सामान्य कक्षाओं में जब विषय अध्यापक शिक्षण अधिगम की व्यवस्थाओं का गठन
  4. राष्ट्रीय प्रौढ शिक्षा अन्य सामुदायिक सेवाओं के कार्यक्रमों में आयोजित की जाने वाली करते हैं। गोष्ठियों एवं सभाओं के माध्यम से
  5. स्वेच्छा व अभिरूचि के माध्यम से।
  6. छोटे समूहों के माध्यम से तथा
  7. सम्मेलन एवं कैरियर सम्मेलनों के द्वारा।

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इससे यह स्पष्ट होता है कि हमारे देश में समूह निर्देशन पद्धति को विभिन्न प्रकार के समूहों के माध्यम से लागू करने की व्यवस्था उपलब्ध है। यद्यपि समूह निर्देशन का क्षेत्र असीमित है तथापि इसमें विशेषतः उन समस्याओं का अध्ययन एवं चर्चा की जाती है, जो विद्यार्थियों की शैक्षिक योजनाओं, परिवार एवं शिक्षालय में सामंजस्य कार्य जगत् का चयन व्यवसाय खोजने, सामाजिक, आर्थिक एवं व्यावसायिक परिस्थितियाँ एवं व्यक्तित्व सम्बन्धित होती है। चर्चा के लिए विभिन्न प्रविधियों का प्रयोग किया जाता है। इन प्रविधियों का ही उल्लेख किया जा रहा है।

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