समूह निर्देशन के उद्देश्य
डिंकमायर एवं काल्डवेल ने समूह निर्देशन के निम्नलिखित उद्देश्य बताये हैं
- छात्रों में आत्म स्वीकृति एवं स्वयं में उपयोगी अथवा महत्वपूर्ण बनने की भावना का विकास करना।
- जीवन के विभिन्न विकासात्मक कार्यों को सम्पन्न करने हेतु अपेक्षित अथवा वांछनीय उपायों का विकास करना।
- छात्रों में अधिक आत्म-निर्देशन उच्चकोटि की समस्या निराकरण तथा निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना।
- दूसरे छात्रों की आवश्यकताओं को समझने हेतु संवेदनशीलता का विकास करना, जिससे विद्यार्थी, अन्य विद्यार्थियों के सन्दर्भ में स्वयं की भूमिका एवं महत्व को समझ सके व जान सके तथा दूसरों की भावनाओं का आदर कर सके। इस प्रकार छात्र, अपने प्रभावों को, जो अन्य छात्रों पर पडे हैं, उसका आकलन कर सकने में सफल हो सकता है।
- समूह के प्रत्येक सदस्य की, स्वयं को जानने तथा समझने में सहायता करना