समाजीकरण के साधन के रूप में परिवार- परिवार समाजीकरण का प्राथमिक तथा महत्त्वपूर्ण स्थान है। परिवार के द्वारा बच्चे के जन्मकाल से ही बच्चे का सामाजिक विकास करना प्रारम्भ कर दिया जाता है। बच्चे के समाजीकरण की प्रथम पाठशाला उसका परिवार होता है, इसे अस्वीकारने का कोई ठोस आधार भी नहीं है। इस समाजीकरण के अनेक प्रारूप हो सकते हैं परन्तु इतना तय है कि बच्चे के समाजीकरण में परिवार की अहम भूमिका होती है। परिवार में बच्चे के समाजीकरण की उचित प्रक्रिया समावेशन हेतु आधार भूमि तैयार करती है। एक सामान्य बच्चे के सन्दर्भ में यह बहुत जरूरी है। परिवार लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रश्रय देता है। अगर परिवार के निर्णयों में सहभागिता है, परिवार में सभी को अपनी सहमति या असहमति व्यक्त करने के समान अवसर हैं तब इतना निश्चित है कि समावेशन के बारे में बच्चे के मजबूत सकारात्मक अनुभव होंगे। इसके उलट होने की स्थिति में बच्चा समावेशन के बारे में नकारात्मक अनुभव ग्रहण करेगा। यह बात बहुत अधिक सतही लग सकती है, परन्तु इसके गम्भीर निहितार्थ हैं।
संस्कृति की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
उदाहरण के लिए –
- परिवार में या आस-पास मौजूद शारीरिक एवं मानसिक रूप से विशेष चुनौती वाले बच्चों/व्यक्तियों के प्रति परिवार का नजरिया किस प्रकार है?
- परिवार में खान-पान, शिक्षा, व्यवसाय, सम्पति आदि के में निर्णय एवं सहभागिता में लैंगिक आधार पर विभेद किया जाता है या नहीं किया जाता है।
- परिवार एवं परिवेश से प्राप्त समावेशी अनुभव, व्यवहार, विश्वास एवं संस्कृति केआधार पर बच्चे में समावेशी मूल्यों का विकास होता है।
- परिवार में लोकतांत्रिक मूल्यों (समानता, विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, न्याय एवं व्यक्ति की गरिमा आदि) मूल्यों के लिए पोषक वातावरण है या नहीं।
- समाज के सामाजिक एवं आर्थिक रूप से अपवंचित वर्गों के बच्चों, व्यक्तियों के प्रति परिवार का नजरिया किस प्रकार का है?
- Top 10 Best Web Hosting Companies in India 2023
- InCar (2023) Hindi Movie Download Free 480p, 720p, 1080p, 4K
- Selfie Full Movie Free Download 480p, 720p, 1080p, 4K
- Bhediya Movie Download FilmyZilla 720p, 480p Watch Free