समाजमिति पद्धति -समाजमिति एक उपयोगी प्रविधि है जिसकी सहायता से समूह में व्यक्ति की सामाजिक स्थिति, समूह के अन्दर क्रियाशील प्रभावशील व्यक्ति या गुट आदि के सम्बन्ध में स्पष्ट तथा यथार्थ जानकारी प्राप्त होती है। नेतृत्व, नैतिकता, सामाजिक अनुकूलन, प्रजातीय सम्बन्ध, राजनैतिक गुटबाजी, चुनाव में जनमत संग्रह आदि महत्वपूर्ण विषयों पर अनेक अध्ययन कार्यों में समाजमिति की उपयोगिता आज स्पष्ट हो गयी है।
कर्म के सिद्धान्त का महत्व बताइए।
हेलेन जेनिन्स के अनुसार, “समाजमिति साधारण रूप में एवं लेखाचित्री रूप में किसी समय विशेष में किसी समूह के सदस्यों में पाये जाने वाले पारस्परिक सम्बन्धों के सम्पूर्ण संरचना को प्रस्तुत करने का एक साधन है। संचार के मुख्य मार्ग अथवा आकर्षण विकर्षण के प्रतिमानों को जो उनके पूर्ण रूप है, हम एक नजर में देख सकते हैं।” यूरी ब्रोनफोन ब्रोनर के अनुसार, “समाजमिति समूहों में व्यक्तियों के पाये जाने वाले आकर्षण की सीमा या विस्तार को मापकर सामाजिक स्थिति, संरचना तथा विकास को खोजने, वर्णन व मूल्यांकन करने की एक पद्धति है।”