सभ्यता की विशेषताओं को वर्णित कीजिए।

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सभ्यता की विशेषतायें:

(1) सभ्यता संस्कृति का भौतिक पक्ष है-

मैकाइवर, ऑगवन तथा कान्त रे यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि सभ्यता का तात्पर्य उन भौतिक पदार्थों से हैं जिनके द्वारा मनुष्य अपनी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। इसी आधार पर सभ्यता को एक मापनीय विशेषता के रूप में स्पष्ट किया गया। व्यावहारिक रूप से भी जिस समाज में भौतिक वस्तुओं अथवा आविष्कारों की वृद्धि जितनी अधिक होती है, उसे हम उतना ही अधिक सभ्य समाज कहते हैं।

(2) सभ्यता के विकास की दिशा निश्चित होती है-

सभ्यता का विकास सदैव वृद्धि की ओर होता है। उदाहरण के लिए, पहले पहिए का आविष्कार हुआ, फिर बैलगाड़ी और घोड़ागाड़ियों का प्रचलन हुआ, इसके बाद रेल और कारें बनीं, जबकि आज वायुयान के द्वारा परिवहन के क्षेत्र में हम बहुत आगे बढ़ गए। इसी तरह विभिन्न प्रकार के उपकरणों और मशीनों में होने वाली वृद्धि भी निरंतर होने वाले विकास को स्पष्ट करती है।

(3) सभ्यता में ग्रहणशीलता होती है

सभ्यता से सम्बन्धित पदार्थों अथवा विशेषताओं को कोई भी व्यक्ति सरलता से ग्रहण कर सकता है। इसका तात्पर्य यह है कि एक विशेष मशीन, कलात्मक वस्तु अथवा औषधि का निर्माण चाहे किसी भी देश में हुआ हो, दूसरे देशों के लोग भी उसका उसी रूप में उपयोग कर सकते हैं। जो किसान ट्रैक्टर बनाना न जानता हो, वह भी उसका उपयोग कुशलतापूर्वक कर सकता है।

(4) सभ्यता का प्रसार सरल है-

सभ्यता का सम्बन्ध भौतिक पदार्थों से होने के कारण इसका प्रसार सरलता के साथ और बहुत जल्दी होने लगता है। जब किसी स्थान पर कोई नया आविष्कार होता है, तब सारे विश्व में उसी से मिलती-जुलती वस्तुओं का निर्माण और उपयोग होने लगता है।

धर्म की विशेषताये लिखिये।

(5) सभ्यता वैकल्पिक होती है

किसी व्यक्ति को एक विशेष सभ्यता सम्बन्धित सभी वस्तुओं का उपयोग करना आवश्यक नहीं होता। व्यक्ति अपनी रुचि और इच्छा के अनुसार से किसी भी सभ्यता के किसी भी तत्व को ग्रहण कर सकता है। उदाहरण के लिए, यह हमारी इच्छा पर निर्भर है कि हम अमेरिकन सभ्यता का मकान बनाएँ अथवा जापानी सभ्यता का। साथ ही यह भी सम्भव है कि घर की सजावट में हम कुछ अंश चीन की सभ्यता के लें, जबकि कुछ अंश दूसरी सभ्यताओं के।

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