सभी के लिये शिक्षा- “वर्तमान समय में देश में स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या विश्व में सर्वाधिक है। जो विश्व की इस प्रकार की कुल जनसंख्या का 22 प्रतिशत है। अतः देश में साक्षरता के स्तर को सुधारने के लिए सभी के लिए शिक्षा का लक्ष्य रखा गया। इसके अन्तर्गत 6-14 आयु वर्ग के बच्चों तथा 15-35 आयु वर्ग के प्रौढ़ों को शामिल किया गया जिसमें पर्याप्त महिलाएं होंगी। जनसांख्यिक दबाव के कारण यह संख्या आगे बढ़ भी सकती है। यह केवल सन् 2050 तक के लिए है। तब तक जनसंख्या के स्थिर हो जाने की सम्भावना है।
12वीं पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए।
सभी के लिए शिक्षा के लक्ष्य निम्नलिखित हैं
- शिक्षा के पाठ्यक्रम और प्रक्रिया को उन्नत बनाकर वातावरण, लोगों की संस्कृति एवं रहन-सहन व कार्य दशाओं से सम्बन्धित करना।
- 14 वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों को प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान करना।
- निरक्षरता में प्रभावपूर्ण कमी, विशेष रूप से 15-35 आयु वर्ग की निरक्षरता को कम करना।
- परिवार समुदाय और उपयुक्त संस्थाओं की सहायता से बहुमुखी प्रयासों द्वारा विशेष रूप से गरीब और पिछड़े वर्गों के लिए शिशु सुरक्षा और विकास क्रियाओं का विस्तार ।
- आवश्यक संरचनाओं का निर्माण और ऐसी प्रक्रिया को गति प्रदान करना जो कि त्रियों को अधिकार प्रदान कर सके और शिक्षा को स्त्रियों की समानता का एक साधन बनाना।।
- औपचारिक अथवा अनौपचारिक शिक्षा कार्यक्रमों द्वारा प्रारम्भिक स्तर पूरा होने तक उनकी सार्वभौमिक भागीदारी।
- ‘ग्रीन का स्वतंत्रता सम्बन्धी सिद्धान्त’ की विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
- ‘प्रतिनिधि सरकार’ पर मिला के विचारों का वर्णन कीजिए।
- ‘भारत प्रजातियों का दावण पात्र है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए ?
- ‘शिक्षा में नूतन आयाम सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में तेजी से हो रहे परिवर्तनों के लिए आवश्यक है।” विवेचना कीजिए।
- ‘शैक्षिक नवाचार शिक्षा में सुनियोजित सकारात्मक परिवर्तन का नाम है।” स्पष्ट कीजिये।