सांस्कृतिक सापेक्षवाद के महत्व को लिखिए।

0
50

सांस्कृतिक सापेक्षवाद का महत्त्व-

सांस्कृतिक सापेक्षवाद के महत्व – सांस्कृतिक सापेक्षवाद हमारे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमारे विचारों, मूल्यों, आशाओं, सपनों या यहाँ तक कि हमारी चिंताओं और भयों को प्रभावित करता है। हम विविध जातीयता से भरी दुनियाँ में रहते हैं और इसलिए हमारे लिए विभिन्न संस्कृतियों के बारे में व्यापक दृष्टिकोण और समझ होना महत्त्वपूर्ण है।

संस्कृति के माध्यम से, लोगों में अपनेपन की भावना, व्यक्तिगत विकास और दूसरों के साथ सहानुभूति और जुड़ाव की क्षमता विकसित होती है। सांस्कृतिक सापेक्षवाद यह विचार है कि नैतिक या नैतिक प्रणालियाँ, जो संस्कृति से संस्कृति में भिन्न होती हैं, सभी समान रूप से मान्य हैं और कोई भी प्रणाली वास्तव में किसी अन्य की तुलना में “बेहतर” नहीं है।

माध्यमिक शिक्षा की अवधारणा एवं उद्देश्य की विवेचना कीजिए।

यह इस विचार पर आधारित है कि अच्छाई या बुराई का कोई अन्तिम मानक नहीं है, इसलिए सही और गलत के बारे में हर निर्णय समाज का बनाया हुआ है। अतः नैतिकता पर कोई भी राय उसकी संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में स्थापित की जानी चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here