साम्प्रदायिकता से आप का क्या तात्पर्य है ?

0
25

साम्प्रदायिकता एक संकीर्ण मनोवृत्ति है, एक मानसिकता है जिसके तहत सामाजिक समूह विशेष अपने सम्प्रदाय से केवल प्रेम ही नहीं करता है बल्कि अन्य सम्प्रदायों से घृणा भी करता है और बहुधा यह घृणा सम्प्रदायिक दंगों में व्यक्त होता है। भारत में साम्प्रदायिकता दंगों के पीछे धर्म का तत्व सदैव विद्यमान रहता है। स्वार्थों का टकराव हो संघर्ष की जननी है।

श्री स्मिथ के अनुसार- “एक साम्प्रदायिक व्यक्ति (या व्यक्ति समूह) वह है जो कि प्रत्येक धार्मिक या भाषा भाषी समूह को एक ऐसी पृथक सामाजिक और राजनीतिक इकाई मानता है जिसके हित अन्य समूहों से पृथक होते हैं और उसके विरोधी भी हो सकते हैं। ऐसे व्यक्तियों या व्यक्ति समूह की विचारधारा को साम्प्रदायिकता या सम्प्रदायवाद कहा जाएगा।”

व्यक्तिगत निर्देशन की व्याख्या कीजिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here